नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के कुछ हिस्सों में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में दिल्ली सरकार गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, चीफ सेक्रेटरी, कई प्रमुख सचिव, भाजपा और आम आदमी पार्टी के विधायक शामिल होंगे। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार सुबह 10.30 बजे शुरू होगी। बैठक का मुख्य एजेंडा उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा ग्रस्त इलाकों में शांति बहाली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इससे पहले स्थानीय लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील कर चुके हैं।
Am v worried abt prevailing situation in certain parts of Del. All of us together shud make all efforts to restore peace in our city. I again urge everyone to shun violence
Am meeting all MLAs (of all parties) of affected areas along wid senior officials in a while
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 25, 2020
सोमवार दोपहर से ही उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर, बाबरपुर, गोकुलपुरी, करावल नगर, कर्दमपुरी आदि इलाकों में हिंसा व आगजनी की वारदातें हो रही हैं। हिंसा की इन वारदातों में एक पुलिस हेड कांस्टेबल समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली फायर सर्विस के मुताबिक, इन इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर आग लगने की पैंतालीस सूचनाएं प्राप्त हुई है।
हिंसा की ये वारदातें नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों व इस कानून का समर्थन कर रहे लोगों के बीच हुए टकराव के बाद शुरू हुई। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे सैकड़ों लोग यहां मौजपुर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नजदीक मुख्य सड़क मार्ग पर धरना दे रहे थे। नए कानून का समर्थन कर रहे लोगों ने इस धरने व सड़क बंद किए जाने का विरोध किया और जल्द ही दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गई।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में रुक-रुक कर हो रही हिंसा व आगजनी को लेकर केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली के कुछ हिस्सों की स्थिति को लेकर मैं काफी चिंतित हूं। हम सबको मिलकर शांति बनाए रखने के लिए सभी सामूहिक प्रयास करने चाहिए। मैं एक बार फिर सभी से किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल ना होने की अपील करता हूं।”
वहीं, अपने आवास पर बुलाई गई आपातकालीन बैठक को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हिंसा ग्रस्त इलाकों के सभी विधायकों के साथ आज हम एक बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले सभी पार्टियों के विधायक और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।”