राफेल सौदे की जांच हो जाए तो मोदी नहीं बच पाएंगे : राहुल

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नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)| फ्रांस की रक्षा कंपनी दसॉ एविएशन पर राफेल सौदा सुनिश्चित करने के लिए ‘घूस’ देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा कि अगर विमान खरीद के संबंध में ‘भ्रष्टाचार’ की जांच होती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बच नहीं पाएंगे। राहुल ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता में कहा, “अगर इस पर (राफेल सौदे) जांच शुरू हो गई तो, मोदी बचने वाले नहीं हैं, गारंटी के साथ।”

अपने दावे के पक्ष में दो कारण गिनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “पहला, भष्ट्राचार के कारण। दूसरा, चूंकि यह स्पष्ट है कि किसने इस मामले में निर्णय लिया..कोई भी यह कहने में सक्षम नहीं है कि वायुसेना में किसी जनरल या किसी और ने इसे किया। यह सौदा अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये देने के लिए नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।”


राहुल ने यह भी कहा कि अगर कुछ भी छिपाने के लिए नहीं होता तो मोदी फ्रांस से राफेल विमान खरीदने के संबंध में जांच के आदेश दे दिए होते।

उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री इसमें संलिप्त नहीं होते, तो वह यह कहते कि ‘इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय या सीबीआई द्वारा जांच हो जाने दीजिए। लेकिन वह चुप हैं। उन्होंने तनाव से अपनी नींद गंवा दी है क्योंकि वह जानते हैं कि वह पकड़े जाएंगे।”‘

घाटे में चल रही भारतीय कंपनी में 284 करोड़ रुपये का निवेश करने का संदर्भ देते हुए, राहुल ने कहा कि यह घूस की पहली किश्त थी, जो दसॉ ने सौदा सुनिश्चित करने के लिए दिया था।


दसॉ के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने हाल ही में कहा था कि अनिल अंबानी की कपंनी को सौदा देने का कारण यह है कि इसके पास हवाईअड्डे के समीप जमीन है। लेकिन अब खुलासा हुआ है कि जमीन उस पैसे से खरीदा गया, जिसे दसॉ ने निवेश किया था।

राहुल ने उन मीडिया रपटों का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि फ्रांस की रक्षा कंपनी ने घाटे में चल रही अनिल अंबानी की कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 284 करोड़ रुपये निवेश किया है।

उन्होंने कहा, “सीईओ झूठ बोल रहे हैं। बड़ा प्रश्न यह है कि क्यों कोई कंपनी ऐसी कंपनी में 284 करोड़ रुपये निवेश करेगी, जिसकी पूंजी केवल आठ लाख रुपये की है और लगातार घाटे में चल रही है। पूरी तरह स्पष्ट है कि यह निवेश दसॉ द्वारा दी गई रिश्वत की पहली किश्त है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ट्रेपियर मोदी को बचाने के लिए झूठ बोल रहे हैं, जिन्होंने अप्रैल 2015 में रक्षा खरीद नीतियों में स्पष्ट उल्लंघन करते हुए 36 राफेल विमान के अंतर सरकारी सौदे की घोषणा की थी।

राहुल ने इसके साथ ही मोदी पर सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को ‘हटाने’ का आरोप लगाया और कहा, “सीबीआई प्रमुख इन सभी दस्तावेजों को देख रहे थे, यह निश्चित ही था कि मोदी को बेनकाब करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज थे।”

राहुल ने इसके साथ ही रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के फ्रांस के दौरे को मोदी सरकार को बचाने की एक कवायद करार दिया, जिसके अंतर्गत सरकार सच्चाई को बाहर आने से रोकने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लगातार मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से करवाने की मांग कर रही है।

राहुल ने कहा, “मोदी डरे हुए हैं और कभी भी जेपीसी के लिए सहमत नहीं होंगे।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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