राजस्थान में ‘नेता ऐप’ पर मत देने वालों की संख्या 45 लाख के पार

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 नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| इसी साल अगस्त में लांच ‘नेता ऐप’ मतदाताओं को उनके जन प्रतिनिधियों की रेटिंग और उनकी समीक्षा करने का अनोखा अवसर देता है।

 राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राज्य के सभी 200 विधानसभाओं के 45 लाख से अधिक सत्यापित मतदाता राजनेताओं की रेटिंग और समीक्षा कर चुके हैं। ऐप आम जनता को राजनेताओं की जिम्मेदारी तय करने का अवसर देता है। इस बात का आरंभिक संकेत देता है कि किसी नेता के काम-काज को लेकर जनता क्या राय रखती है। नेता ऐप औपचारिक रूप से 24 अगस्त, 2018 को देश की राजधानी दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा लांच किया गया था।


राजस्थान के न केवल महानगरों बल्कि चुरू, झुंझुनु और गंगानगर जैसे टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी ऐप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। पूरे देश के लिए उपलब्ध ऐप के आज 1.6 करोड़ सबस्क्राइबर हैं। यह ध्यान रखते हुए कि ऐप विभिन्न वर्ग के लोग इस्तेमाल करेंगे इसे एंड्रॉयड और 16 भाषाओं में वेब पर उपलब्ध कराया गया है।

ग्रामीण आबादी समेत सभी प्रकार के जनसमूह इसका उपयोग करें, इसलिए ‘नेता ऐप’ विभिन्न माध्यमों का उपयोग करता है जैसे ऐप, आईवीआर कॉल, एसएमएस और फिर आशावादी और आंगनबाड़ी वर्कर्स की मदद से ऑफलाइन एक्टिवेशन भी। नेता ऐप का लक्ष्य राजनीति के नए रुझानों के बारे में जानकारी जुटाना है।

नेता ऐप के राजस्थान लांच पर इसके फाउंडर प्रथम मित्तल ने कहा, “राज्य में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। इसलिए यह सही वक्त है कि जनता अपने नेताओं के बारे में अधिक से अधिक जाने और यह संकेत भी दे कि उन्हें कैसा जन प्रतिनिधि चाहिए। नेता ऐप से जनता के लिए यह काम चुटकी में होगा। राजस्थान में जिस स्तर पर ऐप अपनाया गया हम उससे बहुत उत्साहित हैं। हम आशा करते हैं कि राजनीतिक दल लोगों की पसंद-नापसंद (प्रेफरेंस) से सबक लेंगे जो ऐप पर जनता जाहिर करती है। राजनीतिक दलों के लिए सही उम्मीदवार के चयन में इस ऐप का बड़ा लाभ होगा। कुल मिला कर यह प्रजातंत्र की बड़ी जीत होगी।”


ऐप में विधायकों और सांसदों की रेटिंग की स्पष्ट क्षमता के साथ देश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में किसी समय में मतदाता की भावना आंकने की क्षमता भी है। उभरते नेताओं के लिए यह ऐप उनकी लोकप्रियता दिखाने का माध्यम है और इसकी मदद से वे राजनीतिक पार्टियों का ध्यान आकृष्ट कर सकते हैं।

नए ऐप की वजह से सत्ताधारी दलों के उम्मीदवारों को मैदान में टिकने के लिए खासी मशक्कत करनी होगी क्योंकि अब चुनाव लड़ने के इच्छुक ऐसे किसी व्यक्ति को यह ऐप पहचान देगा जो अपने विधान सभा क्षेत्र से 1000 वोट हासिल कर लेते हैं। गौरतलब है कि राजस्थान से अब तक लगभग 3000 नागरिक इस ऐप पर पर खुद को नोमिनेट कर चुके हैं ताकि इनकी लोकप्रियता पार्टी के अलाकमान की नजर में आए।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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