नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकारों को कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शराब की ऑनलाइन बिक्री या होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, संजय किशन कौल और बी.आर. गवई की तीन सदस्य पीठ ने यह टिप्पणी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान की।
याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन के बीच 4 मई को शराब की दुकानों को फिर से खोला गया, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के सारे मानदंडों का उल्लंघन हुआ।
शीर्ष अदालत ने पाया कि अनुच्छेद 32 के तहत दायर जनहित याचिका पर आदेश पारित करना संभव नहीं है। इसके बजाय सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए अन्य व्यवहार्य विकल्पों के माध्यम से शराब बेचने पर विचार करने को कहा है।
अदालत ने कहा, “हम कोई आदेश नहीं देंगे। राज्य सरकारों को चाहिए कि वह सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए शराब की ऑनलाइन बिक्री या होम डिलीवरी पर विचार करें।”
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील साईं दीपक ने कहा कि शराब की दुकानों के खुलने के चलते आम लोगों के जीवन के साथ खलवाड़ नहीं होना चाहिए।
–आईएएनएस