चेन्नई, 9 जुलाई (आईएएनएस)| तमिलनाडु में 18 जुलाई को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) महासचिव वाइको और अन्य छह नेताओं का नामांकन मंगलवार को स्वीकार कर लिया गया। इसके साथ ही वाइको की उम्मीदवारी को लेकर दुविधा भी दूर हो गई। उनके नामांकन पत्र की स्वीकृति के बारे में कुछ संदेह उठाए गए थे, क्योंकि वाइको को हाल ही में एक विशेष अदालत ने एक राजद्रोह के मामले में एक साल की जेल की सजा सुनाई थी।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) की सहयोगी एमडीएमके को गठबंधन समझौते के एक हिस्से के रूप में एक राज्यसभा सीट आवंटित की गई थी।
रिटर्निग ऑफिसर और विधानसभा सचिव के. श्रीनिवासन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कुल सात नामांकन स्वीकार किए गए और चार को अस्वीकार कर दिया गया।
जैसा कि उनके नामांकन को स्वीकार न किए जाने की आशंका थी, वाइको ने द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन से कहा था कि वह अपनी पार्टी से एक वैकल्पिक उम्मीदवार को मैदान में उतारें।
तदनुसार द्रमुक के एन.आर. एलंगो ने भी अपना नामांकन दाखिल किया था, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया। अब दौड़ से उनके हटने की संभावना है।
अन्य प्रतियोगी हैं : एम. शनमुगम और पी. विल्सन (दोनों द्रमुक), ए. मोहम्मद जॉन और एन. चंद्रशेखरन (दोनों अन्नाद्रमुक) और पीएमके के अंबुमणि रामदॉस।
234 सदस्यों वाली तमिलनाडु विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 123 विधायक हैं, जबकि द्रमुक के पास 101 विधायक हैं। द्रमुक की सहयोगी कांग्रेस के यहां सात विधायक हैं, यहां एक स्वतंत्र सदस्य है, जबकि दो सीटें खाली हैं।
पांच राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के चलते और एक सीट के खाली होने के बाद चुनाव हो रहे हैं।
टी. राथिनवेल, वी. मैत्रेयन, के.बी. अर्जुन, आर. लक्ष्मणन (सभी अन्नाद्रमुक), और डी. राजा (माकपा) का कार्यकाल पूरा हो गया था। वहीं द्रमुक की कनिमोझी के इस्तीफे के बाद एक सीट खाली हुई थी, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी।