राम मंदिर ट्रस्ट के गठन पर महंत धर्मदास व सुरेश दास ने उठाए सवाल

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 नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)| श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को दिल्ली में हुई। इस बैठक के बाद ही मतभेद के स्वर उठने लगे हैं।

  वैष्णव बैरागी अखाड़े के निर्वाणी महंत धर्मदास ने राम मंदिर ट्रस्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रस्ट का गठन निजी स्वार्थ के लिए किया गया है। महंत धर्मदास ने आईएएनएस से कहा, “चंपत राय ट्रस्ट का इस्तेमाल निजी हितों के लिए कर रहे हैं। बुधवार को हुई ट्रस्ट की बैठक एक दिखावा थी। ट्रस्ट का सारा खाका बीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ने खींच रखा था। सदस्यों से सिर्फ हामी भराई गई।”


महंत धर्मदास ने आरोप लगाते हुए कहा, “भविष्य में भी ट्रस्ट की बैठक चंपत राय के अनुसार ही होगी। वही कर्ता-धर्ता हैं। ट्रस्ट का गठन दिखावे के लिए किया गया है।”

ट्रस्ट के खिलाफ कोर्ट जाने के सवाल पर महंत धर्मदास ने कहा कि फिलहाल वह अयोध्या जा रहे हैं, जहां वे कचहरी लगाएंगे। उसके बाद कानून के जानकारों से राय लेने पर इस बाबत निर्णय लेंगे। पूजा करने के अधिकार पर उन्होंने साफ कहा, “मैं रामलला की पूजा करता आया हूं और करता रहूंगा।”

इस बीच दिगंबर अखाड़े के प्रमुख सुरेश दास ने कहा कि इस ट्रस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरक्षनाथ पीठ दोनों को ही नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि दिगंबर अखाड़े की भूमिका मंदिर आंदोलन में सबसे प्रमुख रही है।


दास ने कहा, “गोरक्षनाथ पीठ और उनके महंत की (मंदिर आंदोलन में) अहम भूमिका रही है, लेकिन इन सबको अनदेखा किया गया। सबसे बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इससे अलग रखा गया।”

गौरतलब है कि निर्वाणी अणी के महंत और अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास भी बुधवार को ट्रस्ट की बैठक के दौरान पहुंच गए थे। लेकिन उन्हें बैठक में शामिल नहीं किया गया। उन्हें बैठक कक्ष के बाहर ही एक अन्य कमरे में बैठा दिया गया। महंत धर्मदास काफी समय से ट्रस्ट में शामिल होने की मांग कर रहे हैं। वह मंदिर के पुजारी बनना चाहते हैं।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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