राष्ट्रपति ने आप के 27 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका खारिज की

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)| आम आदमी पार्टी(आप) के 27 विधायकों को अयोग्य ठहराने करने की याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की राय के आधार पर खारिज कर दिया। विभोर आनंद ने इस आधार पर उन्हें आयोग्य घोषित करने की मांग की थी कि वे दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के चेयरपर्सन होने के नाते लाभ के पद पर बने हुए हैं। राष्ट्रपति ने इस याचिका को ‘अनुरक्षणीय’ नहीं मानते हुए खारिज कर दिया।

इससे पहले, चुनाव आयोग ने अपनी राय में कहा था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के चेयरपर्सन का कार्यालय दिल्ली के विधानसभा सदस्य (अयोग्यता को हटाने) विधेयक, 1997 के अंतर्गत छूट की श्रेणी के अंतर्गत आता है और इसलिए विधायकों को लाभ का पद धारण करने के मामले में अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा।


मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत की अगुवाई में तीन सदस्यीय आयोग ने अपनी राय में कहा, “यह स्थापित तथ्य है कि कुछ प्रतिवादियों को कभी भी उक्त कार्याल्य में नियुक्त नहीं किया गया, निष्कर्ष यह निकला कि उक्त कार्यालय छूट की श्रेणी में आता है।”

जिन विधायकों के विरुद्ध यह याचिका दाखिल की गई थी, वे अलका लांबा (चांदनी चौक), शिव चरण गोयल (मोती नगर), जगदीप सिंह (हरि नगर), बंदना कुमारी (शालीमार बाग), अजेश यादव (बादली), एस.के. बग्गा(कृष्णा नगर), जितेंद्र सिंह तोमर (त्रिनगर), राजेश ऋषि (जनकपुरी), राजेश गुप्ता (वजीरपुर), राम निवास गोयल (शहादरा), विशेष रवि (करोल बाग), जरनैल सिंह (रजौरी गार्डन), नरेश यादव (महरौली), नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर), वेद प्रकाश(बवाना), सोमनाथ भारती (मालवीय नगर), पंकज पुष्कर (तिमारपुर), राजेंद्र पाल गौतम (सीमापुरी), कैलाश गहलोत (नजफगढ़), हजारीलाम चौहान (पटेल नगर), शरद कुमार चौहान (नरेला), मदन लाल (कस्तूरबा गांधी), राखी बिरला (मंगोलपुरी), मोहम्मद इशारक (सीलमपुर), अनिल कुमार बाजपेयी (गांधी नगर), सुरेंद्र सिंह (दिल्ली छावनी) और मोहिंदर गोयल (रिठाला) हैं।

 


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