झारखंड में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। राजधानी रांची समेत राज्य के अन्य क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से कमजोर पड़ी बारिश ने 9 सितंबर को राहत दी है, और अब बंगाल की खाड़ी में बने गहरे निम्न दबाव क्षेत्र के कारण तीन दिनों तक मूसलधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र, रांची ने 10 और 11 सितंबर के लिए ऑरेंज अलर्ट और 12 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और वज्रपात की आशंका है, जिसके चलते मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
भारी बारिश और वज्रपात की संभावना
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना गहरा निम्न दबाव क्षेत्र 8 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ते हुए ओडिशा के तट को पार कर गया है। इसके प्रभाव से झारखंड में बारिश और तेज हवाएं शुरू हो गई हैं। गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा जिलों में सबसे ज्यादा बारिश की संभावना जताई गई है। सोमवार को रांची में रुक-रुक कर बारिश होती रही, जिससे दिन का तापमान भी गिरावट पर रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक, झारखंड के गोड्डा जिले में सबसे अधिक तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रांची में सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस रहा। आने वाले दिनों में राज्य के तापमान में गिरावट होने की संभावना है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
रांची में अगले कुछ दिनों तक आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, और हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। मंगलवार को रांची का अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग की अपील
लोगों से अपील की गई है कि वे भारी बारिश और वज्रपात के दौरान सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। बिजली गिरने के जोखिम को ध्यान में रखते हुए खुले स्थानों से दूर रहना और पेड़ों के नीचे खड़े न होने की सलाह दी गई है।
झारखंड में यह मानसून की ताज़गी न केवल किसानों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि यह राज्य की जलवायु स्थिति को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। हालांकि, नागरिकों को वज्रपात और अचानक आने वाली तेज बारिश से बचने के लिए मौसम विभाग द्वारा दी गई सलाह का पालन करना जरूरी है।