Rajasthan: बीएससी केमेस्ट्री पास युवक को नौकरी पर रखेंगे कचौरी व्यापारी तब जाकर मिलेगा फूड लाइसेंस

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Rajasthan: बीएससी केमेस्ट्री पास युवक को नौकरी पर रखेंगे कचौरी व्यापारी तब जाकर मिलेगा फूड लाइसेंस

Rajasthan: बीकानेर के फूड व्यापारियों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। अब 1 नवंबर, 2020 से उन्हें फूड लाइसेंस जिले का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नहीं दे सकेगा। फूड लाइसेंस लेने के लिए न्हें फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड आथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI),नई दिल्ली की मदद लेनी होगी।

इसके साथ ही पापड़, भुजिया, रसगुल्ला, कचौरी, नमकीन व मिठाई के व्यापार को प्रोपराइटर एक्ट में शामिल कर दिया गया है। इसके साथ ही ऐसी कई शर्ते हैं जिसे पूरा करना प्रदेश के छोटे व्यापारियों के लिए किसी भी हाल में संभव नहीं होगा।


इस आदेश से प्रदेशभर के 50 लाख लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो सकता है। अब एक कचौरी बनाने वाले को भी फूड लाइसेंस लेने के लिए दुकान में बीएससी केमेस्ट्री पास युवक को तकनीकी इंचार्ज रखना होगा। लाइसेंस की सालाना फीस 100 रुपए की जगह 7500 हजार रुपए कर दी गई हैग। यही नियम घरों में पापड़-बड़ी बनाने वाले, रसगुल्ला का छोटा व्यापार करने वाले हर व्यापारी पर लागू होंगे।

जिला उद्योग संघ, बीकानेर के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पच्चीसिया फूड लाइसेंस के नए आदेश का विरोध करते हुए कहते हैं कि, लॉकडाउन में ऐसे भी सूक्ष्म और लघु उद्योगों पर संकट आया हुआ है। इस आदेश के बाद नए लाइसेंस नंबर लेने होंगे जो पहले तो छोटे व्यापारियों के लिए संभव ही नहीं है। दूसरा अगर किसी ने सारी कागजी कार्रवाई कर नए लाइसेंस ले भी लिए तो लाखों रुपए का पैकेजिंग मेटेरियल काम नहीं आएगा। ऐसे छोटे-छोटे कई नुकसान मिलकर बड़े होंगे और हजारों छोटी इकाइयां बंद होकर बेरोजगारी को बढ़ावा देगी।

एफएसएसआई कंसलटेंट मनीष नाहटा इसपर कहते हैं कि, यह आदेश छोटे व्यापारियों को बड़ी फ्रेंचाइजी का गुलाम बना देगा। सबसे छोटी दुकानें कचौरी बनाने की होती है। एक कचौरी बनाने वाले को सबसे पहले 7500 रुपए फीस देकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उसे बीएस एसी केमेस्ट्री पास युवक को तकनीकी इंचार्ज की नियुक्ति देनी होगी, जो उसके बने हर माल की जांच करेगा। 4-5 हजार रुपए देकर पानी की जांच करवाकर उसकी रिपोर्ट सब्मिट करनी होगी।


उन्होंने आगे कहा कि, दुकान की हर खिड़की व दरवाजे पर पर्दा लगाना होगा। 6 फीट की ऊंचाई तक ग्लेज टाइल्स लगानी होगी। काम करने वाले आदमियों को हैंडकैप, एप्रिन व हैंड ग्लव्ज पहनने होंगे। प्रोडक्शन एरिया, रॉन मेटेरियल एरिया, तैयार माल का एरिया व स्टोर अलग-अलग दिखाने होंगे। जांच के लिए इंस्पेक्टर दिल्ली से आएगा। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद व्यापारी अपना काम शुरू कर सकेगा, किसी कारण लाइसेंस नहीं मिला तो दुकान बंद होगी। 60 दिन में प्रक्रिया पूरी होगी, एक आपत्ति आई तो वे दिन आगे बढ़ते जाएंगे।

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