राजस्थान: LDC भर्ती 2018 के रिजल्ट को लेकर विवाद, 587 पद घटाने से परेशान उम्मीदवार सरकार से लगा रहे गुहार

  • Follow Newsd Hindi On  
राजस्थान: LDC भर्ती 2018 के रिजल्ट को लेकर विवाद, 587 पद घटाने से परेशान उम्मीदवार सरकार से लगा रहे गुहार

राजस्थान LDC भर्ती 2018 को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस भर्ती के फाइनल रिजल्ट के बाद से ही आयोग पर गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं।उम्मीदवारों का आरोप है कि राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग ने दस्तावेज सत्यापन के बाद सामान्य और ओबीसी वर्ग के पदों की संख्या घटा दी। उम्मीदवारों का कहना है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय अधीनस्थ विभाग में ओबीसी की 2093 और जनरल की 5303 सीटें थी, लेकिन अंतिम परिणाम में 587 सीटें काट कर OBC के लिए 1866 और जनरल की 4943 सीटें कर दी गई। इस तरह, OBC श्रेणी में 227 और जनरल श्रेणी में 360 सीटों की कटौती की गई।

राजस्थान: LDC भर्ती 2018 के रिजल्ट को लेकर विवाद, 587 पद घटाने से परेशान उम्मीदवार सरकार से लगा रहे गुहार


नियुक्ति का अंतिम परिणाम जारी होने के बाद जहां ओबीसी का आरक्षण घटकर 17 फीसदी रह गया तो वहीं जनरल का आरक्षण भी घटकर 46 फीसदी रह गया। इसके अलावा बाकी तीनों वर्गों को आरक्षण का पूरा लाभ दिया गया है। ऐसे में राज्य के बेरोजगार युवा गुहार लगा रहे हैं कि ओबीसी और जनरल के इन 587 बेरोजगारों को भी इंसाफ मिले।

उम्मीदवारों ने बोर्ड से लेकर सीएम तक लगाई गई गुहार

बेरोजगारों का कहना है कि बोर्ड की गलती का खामियाजा प्रदेश के 587 बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हुए इन 587 बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड तक गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक भी कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज होने के बाद इन बेरोजगारों की चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं।

राजस्थान: LDC भर्ती 2018 के रिजल्ट को लेकर विवाद, 587 पद घटाने से परेशान उम्मीदवार सरकार से लगा रहे गुहार


राजस्थान के कई नेताओं ने उठाया मुद्दा

राजस्थान LDC भर्ती में गड़बड़ी के आरोपों के बाद छात्रों के इस मुद्दे को राजस्थान के कई नेताओं ने भी उठाया है। राजस्थान सरकार में कैबिनट मंत्री रह चुके सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस मुद्दे को उठाया। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है।

ट्विटर पर आवाज उठा रहे युवा

कई युवा इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी मुखर हैं और पिछले कुछ दिनों से लगातार #LDC2018_Reservation_Scam के साथ ट्विटर पर आवाज उठा रहे हैं। रोज ट्विटर पर सीएम, आयोग और नेताओं को टैग कर ट्वीट कर रहे हैं, लेकिन उनकी इस समस्या को तवज्जो नहीं मिल रहा है।

मुकेश चौधरी नाम के एक उम्मीदवार ने लिखा, “LDC 2018 भर्ती में OBC के 227 और General के 360 पदों को मिलाकर 587 पदों की कटौती की गई है। यह सारी की सारी कटौती सिर्फ ओबीसी और जनरल वर्ग से की गई है। 2 साल की कठिन मेहनत के बाद परिणाम के अंतिम समय में आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करके इस तरह कटौती असंवैधानिक है।”

सचिन नाम के एक अन्य उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा, “LDC भर्ती में दस्तावेज सत्यापन के समय अधीनस्थ विभाग में सामान्य वर्ग की 5303 और OBC वर्ग की 2093 सीटें थीं तो अंतिम परिणाम में ये 4943 और 1866 कैसे रह गईं? चयन बोर्ड ARD और कार्मिक विभाग ने OBC,जनरल की 587 सीटों मैं हेरफेर कर दिया।”

लक्ष्मी ने लिखा, “इतिहास में पहली बार किसी भर्ती के कुल पदों की संख्या नहीं बताई गई मेरिट लिस्ट जारी नहीं की, वर्ग वार और विभाग वार रिक्त पदों की जानकारी नहीं दी लेकिन चुपके से काउंसलिंग करवा ली। भर्ती से संबंधित अधिकारी इस घोटाले को दबा रहे।”

वहीं, ललित ने लिखा, “2018 की तमाम भर्तियां RPSC स्कूल व्याख्याता,वरिष्ठ अध्यापक,REET & एलडीसी 2013 भर्ती में OBC 21% General 50% SC 16% ST 12% नियमानुसार आरक्षण दिया गया तो LDC 2018 भर्ती में OBC को सिर्फ 17% और जनरल को 46% ही आरक्षण क्यों दिया गया?”

क्या है उम्मीदवारों की मांग

उम्मीदवारों की मांग है कि बोर्ड ने 12906 पदों के डेढ़ गुना अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन करवाया है। इसलिए अंतिम परिणाम भी 12906 पदों के अनुसार ही जारी किया जाए और राज्य की बाकी भर्तियों जैसे RPSC स्कूल व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, एलडीसी 2013 और REET की तरह LDC 2018 भर्ती में भी संविधान द्वारा प्रदत जनरल को 50% और OBC को 21% आरक्षण का लाभ दिया जाए।


राजस्थानी दंपति बच्ची को घर में बंद कर जाता है कोरोना से लड़ने

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)