कौन थे डॉ. केके सिन्हा, देश के बड़े न्यूरो फिजिशियन में शुमार था नाम, 89 साल की उम्र में ली आखिरी सांसे

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कौन थे डॉ. केके सिन्हा, देश के बड़े न्यूरो फिजिशियन में शुमार था नाम, 89 साल की उम्र में ली आखिरी सांसे

देश के जाने-माने वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ कृष्णकांत सिन्हा का आज सुबह रांची में निधन हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। कल ही उन्हें रांची के मेडिका अस्पताल से घर वापस भेजा गया था।

जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले बाथरूम में गिरने के कारण उनके कमर में चोट लग गयी थी। गुरुवार को उनका पेट अचानक फूल गया था, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए मेडिका अस्पताल लाया गया था। अस्पताल में उन्हें एनिमा दिया गया था और उनके कमर की भी जांच की गयी थी।


डॉ केके सिन्हा का नाम रांची ही नहीं बल्कि देश के जाने-माने न्यूरो फिजिशियन में गिना जाता था। उनके जाने से रांची के चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है।

पटना के मनेर के रहने वाले थे

डॉ केके सिन्हा बिहार के पटना जिले के मनेर के रहने वाले थे, यहीं उनका जन्म हुआ था। इनके पिता शिक्षक थे। इन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अपने कॉलेज की शिक्षा पूरी की थी।

इंगलैंड से हासिल की थी उच्च शिक्षा

बीएचयू से आइएससी की पढ़ाई करने के बाद बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की। इन्होंने 1953 में एमबीबीएस की परीक्षा पास की और मेडिसिन में ऑनर्स के साथ गोल्ड मेडल प्राप्त किया। दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूरा करने के बाद वह इंग्लैंड चले गए थे। इंग्लैंड में उन्होंने न्यूरोलॉजी में एमडी और एफआरसीपी की डिग्री हासिल की। जिसके बाद वर्ष 1962 में उन्होंने झारखंड के रिम्स से प्रैक्टिस की शुरुआत की और 1976 से उन्होंने घर पर भी मरीजों को देखना शुरु किया था। डॉ केके सिन्हा 89 साल के थे।


उत्तर भारत के मरीजों की लगी रहती थी भीड़

डॉ. केके सिन्हा से इलाज कराने के लिए झारखंड ही नहीं, यूपी, बिहार, बंगाल, ओडिशा के मरीज की लाइन लगी रहती थी। करीब 60 सालों तक मरीजों की सेवा करने वाले डॉ. केके सिन्हा ने जनवरी 2019 से स्वास्थ्य कारणों से नए पेशेंट्स देखने बंद कर दिए थे। अब वह किसी भी मरीज को नया नंबर नहीं दे रहे थे। सिर्फ उन्हीं मरीजों को देख रहे थे जिन्होंने महीनों पहले उनका नंबर ले रखा था। सुबह 9 से एक-दो घंटे ही मरीजों को समय दे पा रहे थे। पिछले दो महीनों में उन्होंने मरीज देखने कम कर दिये थे।

8 महीने पहले मिलता था नंबर

पहले डॉ. सिन्हा का अप्वाइंटमेंट 6 से 8 महीने तक फुल रहता था। वह खुद डायरी में समय देखकर नंबर देते थे। डॉ. सिन्हा के प्रति मरीजों का विश्वास ऐसा था कि उनकी फीस 2000 रु. थी, तब भी इतनी भीड़ लगती थी कि वे 12 घंटे लगातार प्रैक्टिस करते थे।


झारखंड: देश के जाने-माने न्यूरो फिजिशियन डॉ. केके सिन्हा का रांची में निधन

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