कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई है। सरकार और कई संगठन कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं। इस बीच शरारती तत्वों द्वारा जमकर अफवाह भी फैलाए जा रहे हैं। तमाम तरह की झूठी बातें सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। झारखंड की राजधानी रांची की पुलिस ने कुछ आपत्तिजनक ट्विटर पोस्ट की पहचान कर लगभग 50 लोगों को इसके खिलाफ नोटिस भेजा है।
दुर्भावनापूर्ण सूचना फैलाने के आरोप में तीन लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है। रांची पुलिस ने कहा है कि इस समय कोई भी सौहार्द बिगाड़ने और नफरत फैलाने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ इंडियन पीनल कोड, आइटी एक्ट और एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी।
शुक्रवार को रांची पुलिस ने ट्विटर पर कहा, “रांची पुलिस ने फेसबुक पर ऐसे पोस्ट के जरिए सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश करने वाले प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। यह सभी रांची निवासियों को याद दिलाना है कि ऐसे सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शहर की शांति और विधि व्यवस्था भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।”
रांची पुलिस ने फेसबुक पर ऐसे पोस्ट के जरिए सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश करने वाले प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। यह सभी रांची निवासियों को याद दिलाना है कि ऐसे सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (टि्वटर/फेसबुक/इंस्टाग्राम/ pic.twitter.com/SEi895cGtV
— Ranchi Police (@ranchipolice) April 3, 2020
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इस दौरान कुछ लोग गलत और भड़काऊ सूचनाएं प्रसारित कर रहे हैं। इसके जरिये लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। कुछ लोगों को दूसरे धर्म के लोगों के प्रति उकसाने की भी कोशिश हो रही है। पुलिस को ट्विटर पर ऐसे ढेर सारे मैसेज मिले हैं।
रांची में रसोई गैस के लिए लोग लॉकडाउन की उड़ा रहे धज्जियां
झारखंड पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर उसकी पैनी नजर है। कोई भी व्यक्ति कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रकार की अप्रामाणिक जानकारी या संदेश या वक्तव्य आदि सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प) आदि में अपलोड या शेयर न करें, जिससे लोगों के आतंकित होने का डर हो अथवा लोक शांति एवं व्यवस्था भंग होने की संभावना है। पुलिस ने कहा है कि इस गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।