कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन के चलते तमाम कंपनी, दफ्तर, फैक्ट्री बंद हैं। ऐसे में लोगों को इस बात की चिंता सता रही थी कि आखिर वह कैसे अपने लोन की किश्त का भुगतान करेंगे। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को आम लोगों को बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने प्रेस कॉनफ्रेंस कर तीन महीन तक टर्म लोन पर छूट की घोषणा की है। आरबीआई ने कर्ज देने वाले सभी वित्तीय संस्थानों को सर्वाधिक कर्ज की किश्तों की वसूली पर तीन महीने तक रोक की छूट दे दी है।
आरबीआई गवर्नर ने अपने बयान में कहा, ‘सभी प्रकार के टर्म लोन पर छूट की घोषणा की जा रही है। सभी वाणिज्यिक, क्षेत्रीय ग्रामीण और एनबीएफसी और छोटे वित्त बैंकों को 31 मार्च 2020 से बकाया सभी टर्म लोन के संबंध में किश्तों के भुगतान पर 3 महीने की मोहलत की अनुमति दी जा रही है।’ मालूम हो कि आम लोगों और कंपनियों को लॉकडाउन के बीच इनकम लॉस हो रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया कि टर्म लोन पर स्थगन और वर्किंग कैपिटल पर ब्याज भुगतान को रोकने से परिसंपत्ति वर्गीकरण में गिरावट नहीं आएगी। गवर्नर ने कहा कि ये (टर्म लोन पर 3 महीने की मोहलत और वर्किंग कैपिटल पर ब्याज के 3 महीने की छूट) से लाभार्थियों की क्रेडिट हिस्ट्री पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालाँकि, आरबीआई के ऐलान के बाद लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। यहां हम उनके जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं:
Q: मुझे ईएमआई जल्द ही भरनी है। क्या मेरे खाते से EMI की रकम नहीं काटी जाएगी?
A: RBI ने केवल बैंकों को मोहलत देने की अनुमति दी है। अब बैंकों को व्यक्तिगत रूप से EMI के निलंबन की अनुमति देनी होगी। इसका मतलब यह है कि जब तक आपको अपने बैंक से स्वीकृति नहीं मिलती है, तब तक आप को यह नहीं मानना चाहिए कि ईएमआई आपके खाते से नहीं काटे जाएंगे।
Q: मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी ईएमआई निलंबित कर दी गई है?
A: RBI ने अभी तक इस बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। एक बार दिशानिर्देश जारी किए जाने के बाद, विशेष रूप से इस पर अधिक स्पष्टता होगी।
Q: बैंक स्तर पर ये प्रक्रिया कैसे काम करेगी?
A: सभी बैंकों को स्थगन पर चर्चा करनी होगी और अपने बोर्ड स्तर पर अनुमोदित निर्णय लेना होगा। स्वीकृति मिलने के बाद, वे ग्राहकों को उन्हें स्थगन के बारे में बता सकते हैं।
Q: यदि मेरा बैंक मेरी ईएमआई को निलंबित करता है, तो क्या इसका असर मेरे क्रेडिट स्कोर पर भी होगा?
A: नहीं। यह नहीं होगा।
Q: कौन से बैंक अपने ग्राहकों को यह सुविधा दे सकते हैं?
A: सभी वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, छोटे वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित), सहकारी बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान और एनबीएफसी (आवास वित्त कंपनियों और सूक्ष्म-वित्त संस्थानों सहित) शामिल हैं।
Q: क्या यह ईएमआई की छूट है या ईएमआई का स्थगितकरण?
A: यह छूट नहीं है, लेकिन एक स्थगितकरण है। RBI ने सलाह दी है कि बैंक ईएमआई के पुनर्भुगतान और इसके अदा करने की सभी नियत तारीखों को 3 महीने तक बढ़ाने या बदलने संबंधी फैसले कर सकता है।
Q: क्या ऋण स्थगन (मोरेटोरियम) मूलधन और ब्याज दोनों को कवर करता है?
A: हाँ, ऐसा है। यदि आपके बैंक द्वारा घोषणा की जाती है, तो आपको तीन महीने के लिए आपके पूरे ईएमआई (ब्याज सहित) के भुगतान से छूट मिलेगी। यह 1 मार्च, 2020 तक बकाया सभी ऋणों पर लागू होगा।
Q: मोरेटोरियम किस प्रकार के ऋणों को कवर करता है?
A: RBI के पॉलिसी स्टेटमेंट में स्पष्ट रूप से सावधि ऋणों का उल्लेख किया गया है, जिसमें गृह ऋण, व्यक्तिगत ऋण, शिक्षा ऋण, ऑटो और कोई भी ऋण शामिल हैं। इसमें मोबाइल, फ्रिज, टीवी आदि के लिए दी जाने वाली ईएमआई भी शामिल हैं।
Q: क्या मोरेटोरियम क्रेडिट कार्ड से भुगतान को कवर करता है?
A: नहीं, वे मोरेटोरियम के अंतर्गत नहीं आते हैं।
Q: मैंने एक कारखाना लगाने के लिए प्रोजेक्ट लोन लिया है। क्या मैं अपनी ईएमआई का भुगतान नहीं कर सकता हूं?
A: मोरेटोरियम को टर्म लोन के अंतर्गत निर्धारित किसी भी ऋण पर लागू करने की अनुमति दी गई है। यदि बैंक को लगता है कि आप ईएमआई का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं, तो आपको मोहलत मिलेगा।
Q: RBI ने व्यवसायों के लिए क्या घोषणा की है?
A: RBI ने व्यवसायों द्वारा लिए गए सभी वर्किंग कैपिटल लोन के लिए ब्याज भुगतान को टाल दिया है। यह 1 मार्च, 2020 तक बकाया सभी वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी पर लागू होगा। इस अवधि के लिए संचित ब्याज का भुगतान मोरेटोरियम की समाप्ति के बाद किया जाएगा। मोरेटोरियम को ऋण समझौतों के नियमों और शर्तों में बदलाव के रूप में नहीं माना जाएगा और इसके परिणामस्वरूप एसेट क्लासिफिकेशन में गिरावट नहीं आएगी।
गौरतलब है कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने हाल ही में आरबीआई को एक लेटर भेजा था जिसमें यह सुझाव दिया गया कि ईएमआई, इंटरेस्ट के पेमेंट और लोन रीपेमेंट पर कुछ महीनों की छूट दी जाए। मंत्रालय ने नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट्स के क्लासिफिकेशन में ढील देने का सुझाव भी दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके बाद कहा जाने लगा कि कई कंपनियां और लोग हो सकता है कि लॉकडाउन के कारण लोन की किस्तें न चुका पाएं। ऐसा होने पर बैंक उनके खिलाफ ऐक्शन ले सकते थे।
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