लोन लेने वाले लोगों को लिए खुशखबरी है। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को मौद्रिक समीक्षा के दौरान लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया। समिति के छह में से चार सदस्यों ने रेपो में कटौती के पक्ष में मतदान किया. सिर्फ दो सदस्य रेपो घटाने के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं दिखे। इससे बैंक भी ग्राहकों के लिए कर्ज की दरें घटा सकते हैं और आपका होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन सस्ता हो सकता है।
आपको बता दें कि रिवर्स रेपो रेट भी घटकर 5.75 फीसदी पर आ गया है। कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में केंद्रीय बैंक ने कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019- 20 के लिए आर्थिक विकास दर का अनुमान 7.4 से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया। विनिर्माण, कृषि से लेकर सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में सुस्ती से पिछली कई तिमाहियों में विकास दर नीचे आई है। रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि महंगाई चार प्रतिशत के दायरे में ही रहेगी। फरवरी में खुदरा महंगाई 2.57 फीसदी पर रही है।
क्या होता है रेपो रेट ?
रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। नीतिगत ब्याज दर या रेपो दर के घटकर छह फीसदी पर आने से बैंकों की उधारी की लागत कम होगी। उम्मीद है कि बैंक इस राहत को ग्राहकों तक भी पहुंचाएंगे। इससे पहले फरवरी में भी ब्याज दर 0.25 फीसदी की कटौती की गई थी।
कर की दरें कम करने का सिलसिलाबना रहेगा : अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार सत्ता में वापस आती है तो वह राजकोषीय मोर्चे पर सूझबूझ से चलने और कर की दरें कम करने का सिलसिला बनाए रखेगी।
गौरतलब है कि ये पहले से यह अनुमान था कि इस बार केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कमी कर सकता है। ज्यादातर जानकारों का मानना था कि केंद्रीय बैंक रेपो में एक चौथाई फीसदी की कमी करेगा। इस तरह केंद्रीय बैंक का फैसला अनुमान के मुताबिक रहा है।