RBI ने मेहुल चोकसी समेत टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज किया माफ, RTI में हुआ खुलासा

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RBI ने मेहुल चोकसी समेत टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज किया माफ, RTI में हुआ खुलासा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी समेत 50 शीर्ष विलफुल डिफॉल्टर्स से 68,607 करोड़ रुपये की रकम को माफ करने की बात स्वीकार की है। यह जानकारी एक आरटीआई आवेदन से सामने आई है। ये टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर आईटी, बुनियादी ढांचे, बिजली, सोने-हीरे के आभूषण, फार्मा आदि सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए हुए हैं।

संसद में वित्तमंत्री ने जानकारी देने से किया था इनकार

आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने बताया कि यह आरटीआई इसलिए दायर की क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने 16 फरवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब संसद में देने से इनकार कर दिया था। गोखले ने कहा कि जिस तथ्य का खुलासा सरकार ने नहीं किया, उसका खुलासा करते हुए आरबीआई के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी अभय कुमार ने शनिवार 24 अप्रैल को यह जवाब उपलब्ध कराया, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे शामिल हैं। आरबीआई ने कहा कि यह राशि (68,607 करोड़ रुपये) जिसमें बकाया और तकनीकी तरीके से लिखित राशि शामिल है, 30 सितंबर, 2019 तक माफ किया गया है।


बकायेदारों की लिस्ट में टॉप पर मेहुल चोकसी

आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 16 दिसंबर, 2015 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए विदेशी उधारकर्ताओं के बारे में संबंधित जानकारी देने से भी मना कर दिया। बकायेदारों की इस सूची में टॉप पर है मेहुल चोकसी की घोटाले से प्रभावित कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (5492 करोड़ रुपए की कर्जदार), इसकी अन्य कंपनियों जैसे गिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड ने क्रमशः 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।

बता दें कि मेहुल चोकसी इस समय एंटीगुआ एंड बारबाडोस आईसलैंड का नागरिक है, जबकि उसका भतीजा और एक अन्य भगोड़ा हीरा कारोबाारी नीरव मोदी लंदन में है। इस सूची में दूसरे स्थान पर आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिसने 4,314 करोड़ रुपये के कर्ज लिए थे। इसके निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला एक साल से अधिक समय से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं।

सूची में अगला नाम भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का है, जिसने 4076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखे हैं, और केंद्रीय जांच ब्यूरो विभिन्न बैंक धोखाधड़ी के लिए इसकी जांच कर रही है। दो हजार करोड़ रुपये की श्रेणी में कानपुर स्थित रोटमैक ग्लोबल प्रा.लि. है, जो प्रसिद्ध कोठारी समूह का हिस्सा है, और इसने 2,850 करोड़ रुपये कर्ज ले रखे हैं।


इस श्रेणी के अन्य नामों में शामिल हैं – कुदोस केमी, पंजाब (2,326 करोड़ रुपये), बाबा रामदेव और बालकृष्ण के समूह की कंपनी रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इंदौर (2,212 करोड़ रुपये), और जूम डेवलपर्स प्रा.लि., ग्वालियर (2,012 करोड़ रुपये)।

जानकारी के मुताबिक, इस सूची में 18 कंपनियां एक हजार करोड़ रुपये कर्ज वाली श्रेणी में हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम हरीश आर. मेहता की अहमदाबाद स्थित फॉरएवर प्रीसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स प्रा.लि. (1962 करोड़ रुपये), और भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (1,943 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

इसके अलावा 25 कंपनियां ऐसी हें, जनके ऊपर एक हजार करोड़ से कर्ज बकाया हैं। ये 605 करोड़ रुपये से लेकर 984 करोड़ रुपये तक के हैं। ये कर्ज या तो व्यक्तिगत तौर पर लिए गए हैं, या समूह की कंपनियों के रूप में। गोखले ने कहा, “उनमें से अधिकांश ने पिछले कुछ वर्षो के दौरान प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंकों को चूना लगाया है और उनमें से कई या तो फरार हैं या विभिन्न जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं और कुछ मुकदमे का सामना कर रहे हैं।”


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