रेलवे अस्पताल के शौचालय के रंग को लेकर सपाईयों का हंगामा (लीड-1)

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गोरखपुर, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रेलवे अस्पताल के यूरिनल में लाल-हरे रंग की टाइल्स लगाने पर समाजवादी पार्टी के कार्यकता भड़क गए हैं। सपा के ट्वीट पर रेलवे के सीपीआरओ के जवाब देने के बावजूद सपा कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। सपाइयों ने रेलवे अस्पताल पहुंचकर जहां टाइल्स पर कालिख पोत दी, वहीं अपर महाप्रबंधक अमित कुमार अग्रवाल से मुलाकात कर उन्हें शिकायती पत्र सौंपा।

उन्होंने दोषी के खिलाफ 24 घंटे में कार्रवाई और यूरिनल पर लगी टाइल्स बदलने की मांग की है। सपाइयों के आक्रोश को देखते हुए महाप्रबंधक कार्यालय से लेकर रेलवे चिकित्सालय में पुलिस बल तैनात किया गया है।


सपा जिलाध्यक्ष रामनगीना साहनी की अगुवाई में सपा कार्यकर्ता रेलवे एजीएम से मुलाकात के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी ज्ञापन सौंपेंगे।

रामनगीना साहनी ने कहा कि भाजपा ने समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए सपा के झंडे के रंग में टॉयलेट को रंग दिया है।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी इसका विरोध करती है। यह द्वेषपूर्ण कार्रवाई है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों को उन्होंने कायकतार्ओं के साथ ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, कहा कि अगर टाइल्स को हटाया नहीं गया, तो वे लोग खुद उसे हटा देंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सपा आंदोलन को भी बाध्य होगी।


सपा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, दूषित सोच रखने वाले सत्ताधीशों द्वारा राजनीतिक द्वेष के चलते गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना। एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के ध्वज के रंगो का अपमान घोर निंदनीय। संज्ञान ले हो कार्रवाई, तत्काल बदला जाए रंग।

पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्विटर हैंडल से सफाई देते हुए इसे स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बताया। आगे लिखा गया है कि ये टाइल्स बरसों पुराने हैं। इन टाइल्स को लगाने का उद्देश्य बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित करना है। इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।

ज्ञात हो कि पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित ललित नारायण मिश्र, रेलवे चिकित्सालय के शौचालय में दीवारों पर लाल टाइल्स लगाए जाने को सपा ने सरकार की दूषित मानसिकता का परिचायक बताया है। हालांकि रेलवे ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इसे सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बताया है।

–आईएएनएस

विकेटी-एसकेपी

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