Kapila Vatsyayan passes away: पद्मविभूषण से सम्मानित देश की मशहूर कलाविद् एवं राज्यसभा की पूर्व मनोनीत सदस्य कपिला वात्स्यायन का बुधवार का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। श्रीमती वात्स्यायन के निधन से कला जगत में शोक की लहर है। वह हिंदी के यशस्वी दिवंगत साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन “अज्ञेय” की पत्नी थीं।
आपको बता दें कि साठ के दशक में अपने पति से तलाक के बाद वह एकाकी जीवन व्यतीत कर रही थीं। दिल्ली में जन्मी कपिला वात्स्यायन संगीत नृत्य और कला की गहरी विदुषी थी। उनकी शिक्षा दीक्षा दिल्ली, बीएचयू और अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में हुई थी।
इसके साथ ही वे संगीत नाटक अकादमी फेलो रह चुकी कपिला जी प्रख्यात नर्तक शम्भू महाराज और प्रख्यात इतिहासकार वासुदेव शरण अग्रवाल की शिष्या भी रही। साल 2006 में उन्हें राज्यसभा मनोनीत सदस्य नियुक्त किया गया था। लेकिन लाभ के पद के विवाद के कारण उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता त्याग दी थी।
इसके बाद भी उन्हें दोबारा राज्यसभा की सदस्य मनोनीत किया गया।वात्स्यायन राष्ट्रीय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद, की संस्थापक सचिव थी और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की आजीवन न्यासी भी थी। उन्होंने भारतीय नाट्यशास्त्रऔर भारतीय पारंपरिक कला पर गंभीर और विद्वतापूर्ण पुस्तकें भी लिखी थी। वह देश में भारतीय कला शास्त्र की आधिकारिक विद्वान मानी जाती थी।
वात्स्यायन पुराने जमाने की चर्चित हिंदी लेखिका सत्यवती मलिक की पुत्री थी और उनके भाई केशव मलिक जाने-माने अंग्रेजी के कवि और कला समीक्षक थे। वात्स्यायन साठ के दशक में शिक्षा विभाग में सचिव पद पर भी कार्यरत थी। उनका विवाह सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन से हुआ था लेकिन कुछ वर्षों के बाद उनका उनसे तलाक हो गया और उसके बाद वह एकाकी जीवन व्यतीत कर रहे थी।