बिहार : महागठबंधन में दरार, कांग्रेस को तेजस्‍वी का नेतृत्‍व नहीं स्‍वीकार

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लोकसभा चुनाव में देशभर में कांग्रेस की करारी हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी के इस्तीफा दिया, जिसके बाद कई पार्टी नेताओं के इस्तीफे भी हुए। खबरों के अनुसार बिहार कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव से भी इस्तीफा देने की मांग की थी और उन्होंने इसकी पेशकश भी की थी लेकिन पार्टी द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया। खबरों की मानें तो बिहार में महागठबंधन के बीच अब सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राष्‍ट्रीय जनता दल के मुख्‍यमंत्री प्रत्‍याशी तेजस्‍वी यादव  को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया है।

गौरतलब है कि गुरुवार को आयोजित आरजेडी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय किया गया कि 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। पार्टी ने तेजस्‍वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। आरजेडी की इस बात पर महागठबंधन के अन्‍य घटक दलों, खासकर कांग्रेस ने  आपत्ति दर्ज कराई है।


बता दें कि कांग्रेस ने इसे आरजेडी का ‘निजी फैसला’ करार देते हुए कहा है कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस के नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि तेजस्वी के नेतृत्व ने चुनाव लड़ने का फैसला आरजेडी का निजी फैसला है। हर पार्टी को अपना फैसला लेने का अधिकार है। गत लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में आरजेडी व तेजस्‍वी की बड़ी भूमिका पर कांग्रेस के शकील अहमद ने कहा कि अब नए परिवेश में नई कहानी लिखी जाएगी।

वैसे बिहार के राजनीति को देखें तो कांग्रेस के नेता जो भी कहें, आरजेडी की मंशा स्‍पष्‍ट है। आरजेडी के भाई वीरेन्द्र ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव तेजस्‍वी के नेतृत्‍व में ही लड़ा जाएगा और उसमें हर हाल में पार्टी की जीत होगी।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद कांग्रेस व आरजेडी के रिश्‍तों में पहले वाली बात नहीं रही। कांग्रेस के कई नेताओं ने हार के लिए तेजस्वी यादव को जिम्मेदार बताया था। कांग्रेस ने हार को लेकर जो समीक्षा बैठक की थी, उसमें बिहार में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की मांग उठी थी।


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