रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने मंगलवार को एक बड़े ई-टिकटिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट के तार पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबई से जुड़े हुए हैं। आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने बताया कि इसके पीछे टेरर फंडिंग का शक है। रैकेट का सरगना दुबई में है। इस मामले में आरपीएफ ने झारखंड के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर गुलाम मुस्तफा को भी गिरफ्तार किया है।
Railway Protection Force (RPF) DG: We’re a step ahead in operation against e-ticketing racket. We’ve unearthed an oragnised gang. Its kingpin is probably sitting in Dubai. We’re investigating the members of the gang, the manner in which the money is going to banks&some companies. pic.twitter.com/E5SHHBrBtz
— ANI (@ANI) January 21, 2020
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले में जांच के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस मामले में गिरफ्तार एक ही शख्स के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 2,400 ब्रांचों में अकाउंट मिले हैं। आरपीएफ डीजी ने बताया कि झारखंड के रहने वाले गुलाम मुस्तफा को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास आईआरसीटीसी के 563 आईडी मिले हैं। इसके अलावा संदेह है कि एसबीआई के 2,400 और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की 600 शाखाओं में उसके बैंक खाते हैं। पिछले 10 दिनों से आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए और कर्नाटक पुलिस मुस्तफा से पूछताछ कर रही है।
बम धमाके में शामिल रहा है रैकेट का मास्टरमाइंड
अरुण कुमार ने बताया कि ई-टिकटिंग रैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए गुलाम मुस्तफा से आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए और कर्नाटक पुलिस पूछताछ कर चुकी है। इस रैकेट का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर डेवेलपर हामिद अशरफ 2019 में गोंडा के स्कूल में हुए बम ब्लास्ट में भी शामिल था। माना जा रहा है कि अशरफ इस रैकेट के जरिये हर महीने 10-15 करोड़ रुपये ईकट्ठा करता था। फिलहाल उसके दुबई भाग जाने की आशंका है।