जन्मदिन विशेष: एक जमाने में साधना का हर स्टाइल बन जाता था ट्रेंड, पहली फिल्म के लिए मिला था 1 रुपया

  • Follow Newsd Hindi On  
जन्मदिन विशेष: एक जमाने में साधना का हर स्टाइल बन जाता था ट्रेंड, पहली फिल्म के लिए मिला था 1 रुपया

गुजरे जमाने की खूबसूरत और बेहतरीन अदाकारा साधना शिवदासनी (Sadhana Shivdasani) का जन्मदिन 2 सितंबर को होता है। बॉलीवुड में कई बेहतरीन फिल्में देने वाली दिग्गज अभिनेत्री साधना (Sadhana) 60 के दशक में शीर्ष अभिनेत्री थीं। उस वक्त उनकी बराबरी करने के लिए कोई एक्ट्रेस नहीं थी। आलम ये था कि उस दौर में साधना का हर स्टाइल एक ट्रेंड बन जाया करता था। चाहे बात उनके हेयर स्टाइल की हो या उनके कपड़ों की। साधना (Sadhana) पहली ऐसी अभिनेत्री थीं, जिनके नाम पर एक हेयरस्टाइल शुरू हुआ था। लड़कियों के बीच चूड़ीदार सलवार का फैशन मशहूर करने का श्रेय साधना को ही जाता है।

2 सितंबर 1941 को ब्रिटिश भारत के कराची (अब पाकिस्तान) में जन्मीं साधना का परिवार परिवार जमींदारों का एक खाता-पीता परिवार था। लेकिन छह साल की कच्ची उम्र में साधना ने विभाजन की विभीषिका को देखा था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया और सब कुछ पीछे छूट गया था। पहले उनका परिवार दिल्ली आया, फिर बनारस, कलकत्ता और आखिर में मुंबई में सेटल हो गया।


इस तरह आई फिल्मों में

साधना बचपन से ही हीरोइन बनने के ख्वाब देखती थी और 1955 में राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में ‘मुड़ मुड़ के न देख’ गाने में कोरस में गाने का मौका भी मिला। जब वह 17 साल की हुईं तो उन्हें एक सिंधी फिल्‍म ‘अबाना’ ऑफर हुई। इस फिल्म का पोस्टर जब फिल्मफेयर में छपा तो इस पर मशहूर प्रोड्यूसर शशाधर मुखर्जी की नजर पड़ी। इस तरह वे उनके एक्टिंग स्कूल से जुड़ गईं। 1960 में निर्देशक आर.के. नायर ने उन्हें फिल्मों में ब्रेक भी दिया। इस फिल्म में उनके हीरो शशाधर के बेटे जॉय मुखर्जी थे। इस तरह हिंदी सिनेमा को ‘लव इन शिमला’ के जरिये साधना नाम की हीरोइन मिली। 1966 में राम कृष्ण नायर और साधना ने शादी भी कर ली।

जन्मदिन विशेष: एक जमाने में साधना का हर स्टाइल बन जाता था ट्रेंड, पहली फिल्म के लिए मिला था 1 रुपया

साधना ने आगे चलकर 33 फिल्मों में काम किया और इसमें से उनकी 27 फिल्में सुपरहिट रहीं। ‘वो कौन थी’ (1963), ‘मेरा साया’ (1966), ‘मेरे महबूब’ (1963), ‘वक्त’ (1965), ‘आरजू’ (1965), ‘एक फूल दो माली’ (1969), ‘राजकुमार’ (1964) इत्यादि जैसी कई ऐसी फिल्में रहीं जिनमें साधना के काम को काफी सराहा गया और वो सुपरहिट भी रहीं।आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें:


इस तरह बना साधना कट

 

जन्मदिन विशेष: एक जमाने में साधना का हर स्टाइल बन जाता था ट्रेंड, पहली फिल्म के लिए मिला था 1 रुपया

साधना का हेयर स्टाइल साधना कट नाम से आज भी मशहूर है। इस हेयरकट की कहानी भी मजेदार है।  दरअसल,जब ‘लव इन शिमला’ पर काम चल रहा था तो फोटो में उनका माथा बहुत उभरकर आता था। उसे ढंकने के लिए काफी मेहनत की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन दिनों हॉलीवुड अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न का हेयरस्टाइल काफी पॉपुलर था। तो साधना सीधे पार्लर गईं और यह कट बनवा के आ गईं और यह हेयरस्टाइल साधना कट के नाम से मशहूर हो गया।

पहली फिल्म के लिए मिला 1 रुपया

1958 में साधना ने सिंधी फिल्म ‘अबाना’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और इस फिल्म में साधना ने सिर्फ 1 रुपये में काम किया था। हालाँकि, इस फिल्म से साधना को फिल्म इंडस्ट्री में कोई खास पहचान नहीं मिली। साधना का नाम फिल्म ‘लव इन शिमला’ से फेमस हुआ था। उन्हें फिल्माल्या के साथ तीन साल का कॉन्ट्रेक्ट करना पड़ा था, और इसके लिए उन्हें 750 रु. मासिक मिलते थे। दूसरे साल उनके पैसे 1,500 रु. कर दिए गए और फिर तीसरे साल 3,000 रु. मिलने लगे। हालांकि बाद में वे अपने दौर की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली हीरोइन भी रहीं।

लज़ीज खाना बनाती थीं साधना

कहते हैं साधना के पति आरके नायर को खाने का बहुत शौक था। इसलिए साधना तरह-तरह का देसी-विदेशी खाना बनाना सीखा, और उनके खाने की बहुत तारीफ की जाती थी। बाद में उन्हें गार्डनिंग का शौक भी पैदा हो गया था।

कपूर खानदान से भी रिश्ता

साधना और बबीता (करीना कपूर की माँ) दोनों कजिन थीं। साधना के पिता और बबीता के पिता दोनों भाई थे। इस तरह अपने समय की टॉप एक्ट्रेस उनकी रिश्तेदार थी, और यह रिश्ता कपूर खानदान से जाकर जुड़ा।

बीमारी की वजह से फिल्मों से हुईं दूर

1995 में साधना के पति का निधन हो गया था। दोनों के कोई बच्चे नहीं थे। पति की मौत के बाद वो अकेले रह गई थीं। फिर अचानक ही साधना को बीमारियों ने जकड़ लिया। साधना को थॉयरॉइड की बीमारी हो गई जिसकी वजह से उन्हें एक्टिंग में भी तकलीफ होने लगी। धीरे-धीरे थायरॉइड की वजह से साधना की आंखों में भी परेशानी बढ़ गई और एक वक्त वो आया जब उन्होंने पब्लिक इवेंट्स, फंक्शन में जाना और फोटो तक खिंचवाना बंद कर दिया। 25 दिसंबर 2015 को हिंदी फिल्मों की इस मशहूर अदाकारा ने इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह दिया।


‘मुग़ल-ए-आज़म’ के लिए पृथ्वीराज कपूर ने ब्लैंक चेक पर लिखा था एक रुपया, जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

कुछ ऐसी थी गुरु दत्त और वहीदा रहमान की प्रेम कहानी

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)