लोक सभा 2019: संबित पात्रा के दावेदारी की आहट के बाद हॉट सीट बनता जा रहा है धनबाद

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संबित पात्रा के दावेदारी की आहट के बाद हॉट सीट बनता जा रहा है धनबाद

धनबाद के 4 और बोकारों जिले के 2 विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर धनबाद लोक सभा का निर्माण किया गया था। धनबाद संसदीय सीट पर वर्ष 1957 से अब तक हुए लोकसभा के 15 चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस ने छह-छह बार जीत दर्ज की है वही 3 बार वामपंथी पार्टी मासस ने चुनाव जीता है।

धनबाद लोकसभा को मिश्रित मतदाताओं वाला क्षेत्र माना जाता है। यहां बिहार यूपी के मतदाता जिन्हें पछिमाहा मतदाता कहा जाता है वहीं बंग्लाभाषी मतदाताओं की अच्छी संख्या रही है। बोकारों स्टील प्लांट और कोयला खदानों के मजदूरों की अच्छी संख्या होने के कारण केंद्र और राज्य सरकार के श्रम नीतियों का भी असर देखनें को मिलता है। धनबाद से अबतक चुनाव जीतने वाले नेताओं में अधिकतर मजदूर राजनीति के उपज रहे हैं। धनबाद झारखंड का सबसे अधिक मतदाता वाला लोकसभा क्षेत्र है।


बहुकोणीय होता रहा है मुकाबला

पिछले 10 लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में बहुकोणीय मुकाबला होता रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी चतुष्कोणीय मुकाबले में बीजेपी के पशुपति नाथ सिंह ने रिकॉड मतों से चुनाव में जीत दर्ज की थी। लगातार बदलते समीकरण के तहत इस बार के चुनाव में पहली बार विपक्ष बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर प्रत्याशी देनें के मुड में दिख रही है। हलांकि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है।

2019 के चुनाव में क्या रहेंगे प्रमुख मुद्दे?


धनबाद में लोकसभा का चुनाव हमेशा से राष्ट्रिय मुद्दो के आधार पर लड़ा जाता रहा है। हलांकि कई बार स्थानीय मुद्दो ने भी चुनाव को प्रभावित किया है। इस चुनाव में भी कोयला उद्योग में लगातार बढ़ रहे आउटसोर्सिंग, तथा मजदूरों के वेतन समझौते अहम रहेंगे वहीं, धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन को दो वर्ष तक बंद किया जाना भी एक अहम मुद्दा रहेगा, हलांकि चुनाव के आहट के साथ ही आनन-फानन में रेल लाइन को 15 फरवरी से एक बार फिर चालू करने की बात की जा रही है। झरिया एक्शन प्लान में लगातार बरती जा रही शिथिलता के मुद्दे को भी विपक्षी दल आधार बना सकते है।

धनबाद को क्या मिला क्या नहीं मिला?

पिछले 7 लोकसभा चुनाव में से 6 बार धनबाद सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। हलांकि 2014 में जनता से किये गये वादों में कोयलांचल विश्वविद्यालय और ISM धनबाद को IIT का दर्जा मिल चुका है। लेकिन रेल लाइन की बंदी नये ट्रेनों का नहीं मिलना, प्रदुषण के मामले में धनबाद का देश में 7 वें स्थान पर आना, रोजगार के नये अवसरों का अभाव बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।

संबित पात्रा हो सकते हैं बीजेपी के प्रत्याशी!

धनबाद लोकसभा के 6 में से 5 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं राज्य में भी बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। ऐसे हालत में बीजेपी को इस बार एंटी इन कंबिनेंसी का खतरा होने के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही साथ पूरे विपक्ष की और से बन रहे मजबूत गठजोड़ के खतरे को भापते हुए बीजेपी इस परंपरागत सीट से अपने ट्रंप कार्ड संबित पात्रा को अजमाने के मुड में दिख रही है! धनबाद की राजनीतिक फिजा में इस बात की चर्चा लगभग एक महिने से चल रही है। इस बात को बल तब मिला जब शनिवार को प्रबुद्ध सम्मेलन के बहाने संबित ने धनबाद के कार्यकर्ताओं को साधने का प्रयास किया। धनबाद लोकसभा क्षेत्र के पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने साथ भावनात्मक रूप से जोड़ लिया। खचाखच भरे धनबाद के न्यू टाउन हॉल में पात्रा ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि वह अपने घर आए हैं। बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होनें कहा कि बोकारो में मेरा बचपन बीता है। तब धनबाद जिले में ही बोकारो था। यह मेरी जन्मभूमि है। यहां की मिट्टी को नमन करता हूं तो तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंज उठा। पात्रा ने हाथ जोड़कर विनम्र भाव से अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा-आज मेरे विशेष दिन है। मैं अपने जन्मभूमी पर वापस आया हूं। इतना ही नहीं सड़क मार्ग से वापसी के समय में भी संबित ने बोकारों में अपने जन्मस्थान के समीप लोगों से मुलाकात की।

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