Karachi Sweets: संजय राउत ने कराची स्वीट्स का किया समर्थन, कहा, ‘नाम बदलने की मांग रखना शिवसेना का आधिकारिक रुख नहीं है’

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Karachi Sweets: संजय राउत ने कराची स्वीट्स का किया समर्थन, कहा, 'नाम बदलने की मांग रखना शिवसेना का आधिकारिक रुख नहीं है'

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बीते कुछ दिनों से कराची स्वीट्स को लेकर विवाद चल रहा है। यहां पर शिवसेना नेता नितिन नंदगांवकर के धमकाने के बाद कराची स्वीट्स के मालिक ने दुकान के नाम को पेपर से ढंक दिया है।

लेकिन संजय राउत शिवसेना नंदगांवकर के इस कदम पर उनके साथ नहीं है। गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कराची स्वीट्स का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि दुकान के मालिक का पाकिस्तान से कुछ लेना-देना नहीं है, इसलिए दुकान का नाम बदलने की मांग शिवसेना का आधिकारिक रुख नहीं है।


बता दें कि, सोशल मीडिया पर शिवसेना नेता नंदगांवकर का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह कराची स्वीट्स शॉप के मालिक को दुकान के नाम से ‘कराची’ शब्द हटाने को कह रहे हैं। इस वीडियो में कराची स्वीट्स के मालिक को धमकी देते हुए नंदगांवकर ने कहा था कि, उन्हें दुकान का नाम बदलना ही होगा। उन्होंने कहा था, ‘कराची नाम पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है और यह मुंबई में इस्तेमाल नहीं होगा। पाकिस्तान आतंकियों से भरा देश है।’

वो आगे कहते हैं कि, वह उन्हें समय देने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें जल्द से जल्द नाम बदलना होगा। इस मामले पर दुकान के मालिक का कहना है कि, उनके परिवार में यह नाम है क्योंकि उनके पूर्वज कराची से थे।

लोगों ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद शिवसेना नेता की आलोचना शुरू कर दी है। कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवसेना कार्यकर्ता को ‘बेवकूफ’ बताते हुए कहा कि भारत के चाइनीज होटलों का चीन से कोई लेना-देना नहीं है, वैसे ही बांद्रा के कराची स्वीट्स का पाकिस्तान से कोई नाता नहीं है।


यहां तक कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। वहीं इस मामले को बढ़ता देख अब शिवसेना ने भी पार्टी कार्यकर्ता की इस हरकत से किनारा करना शुरू कर दिया है। बुधवार को संजय राउत ने कहा है कि, ‘कराची बेकरी और कराची स्वीट्स मुंबई में 60 सालों से हैं। उनका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। उनके नाम बदलने के लिए कहने का कोई मतलब नहीं है।’ उनका कहना है कि दुकान का नाम बदलने की मांग रखना शिवसेना का आधिकारिक रुख नहीं है।

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