तिरुवनंतपुरम, 21 जनवरी (आईएएनएस)| सबरीमाला मंदिर के संरक्षक त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) ने सोमवार को तंत्री कंतारारू राजीवेरू को इस बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 15 दिन की और मोहलत दी है कि भगवान अयप्पा के मंदिर में दो महिला श्रद्धालुओं के प्रवेश के बाद ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ क्यों किया गया।
बोर्ड के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। टीडीबी के अध्यक्ष ए. पद्मकुमार ने यहां मीडिया को बताया, “रविवार तक वह सबरीमाला में थे। अब वह काम से मुक्त हैं और हो सकता है कि अपना जवाब देने से पहले दूसरों से राय लेना चाहें। इसलिए हमने उन्हें 15 दिन का समय और दिया है।”
पद्मकुमार ने कहा “आम तौर पर जब एक सामान्य शुद्धि अनुष्ठान किया जाता है, तो तंत्री को टीडीबी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन दो जनवरी को जो हुआ वह सामान्य बात नहीं थी।”
मुख्यमंत्री पिनारई विजयन द्वारा इस बात की पुष्टि करने के बाद कि पचास वर्ष से कम की दो महिलाओं बिंदू अम्मीनी और कनक दुर्गा ने सबरीमाला में तड़के 3.30 बजे मंदिर में दर्शन किए, सुबह 10.30 बजे के आसपास एक घंटे के लिए मंदिर को बंद कर दिया गया था।
पद्मकुमार ने कहा, “हमने उनसे (राजीवेरू) से स्पष्टीकरण मांगा है कि टीडीबी की अनुमति क्यों नहीं ली गई।”
चार जनवरी को तंत्री को नोटिस देने के बाद पद्मकुमार ने कहा कि शुद्धि अनुष्ठान सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के विरुद्ध था जिसने 28 सितंबर को मंदिर के अंदर हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी।
कनक दुर्गा और बिंदू अम्मीनी के प्रवेश की पुष्टि करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य ने शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन किया है और तंत्री की यह हरकत अदालत के फैसले का घोर उल्लंघन है।
विजयन ने कहा था कि निजी तौर राजीवेरू को अदालत के फैसले से अलग राय रखने का अधिकार है लेकिन अगर वह इस निर्णय को सहन नहीं कर पा रहे हैं तो उनके लिए पद छोड़ देना बेहतर होगा।