कोरोना ने दफ्तरों में होने वाले कामकाज को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप की वजह से कोर्ट में इन दिनों सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है। इस दौरान कई रोचक व हैरान करने वाले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजस्थान हाईकोर्ट में बसपा विधायकों के मामले की सुनवाई के दौरान देखने को मिला।
दरअसल हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल जब बहस कर रहे थे उसी समय सीनियर एडवोकेट राजीव धवन कैमरे के सामने पेपर रख स्मोकिंग करते नजर आए। स्मोकिंग का यह वाकया पेपर से छुप नहीं सका क्योंकि कैमरे के सामने स्मोकिंग का धुंआ साफ नजर आ रहा था।
There is no smoke without fire: #Rajasthan High Court hearing on disqualification of the 6 BSP MLAs who later merged with #Congress.
That's Sr Adv Rajeev Dhavan, using a hookah. He is also the lawyer for adv Prashant Bhushan in the latter's contempt case. pic.twitter.com/iF0FmeUuaV
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) August 12, 2020
इस मामले की सुनवाई के दौरान चार एडवोकेट ऑनलाइन दलीलें पेश करने के लिए मौजूद थे। इससे पहले जुलाई में वकील मुकुल रोहतगी ने एक सुनवाई को स्थगित किए जाने की बात मानते हुए कहा था कि वह अब मौसम का मजा लेना चाहेंगे। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बीच में ही टोकते हुए हल्के अंदाज में कहा कि मैं देखना चाहता था कि मौसम का मजा लेने के लिए आपकी (रोहतगी की) टेबल पर क्या है?
चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने एक मामले की सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी से पूछा था कि क्या वे किसी म्यूजियम में बैठे हैं?, क्योंकि आपके पीछे काफी मूर्तियां और स्टैच्यू दिखाई दे रहे हैं। इस पर रोहतगी ने जवाब देते हुए कहा कि हां वे अपने फॉर्महाउस पर बैठे हैं। अनलॉक के दौरान वे अपने फॉर्म आ गए हैं, ताकि वहां दिन में दो बार स्विमिंग का मजा ले सकें।
वर्चुअल कोर्ट में कई बार ऐसे वाकयों घटे जब वकील को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। वर्चुअल कोर्ट में जब वकील ने एंट्री ली तो उसने नीले रंग की चेक टाइ पहन रखी थी। वकील के इस लुक को देख चीफ जस्टिस ने पूछा ये किस किस्म की टाई पहन रखी है आपने, क्या आप डिनर पार्टी में आए हैं।
इस पर वकील ने कहा, सॉरी माई लॉर्ड मैं भविष्य में इस तरह की टाई पहनकर कोर्ट में कभी नहीं आऊंगा। इस पर जज ने कहां, हां बेहतर होगा आप भविष्य में इस पहनावे के साथ कोर्ट में कभी ना आए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के छह विधायकों को अनुमति दे दी कि वे उनके खिलाफ उच्च न्यायालय में लंबित याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांरित करने का अनुरोध करने वाली याचिका वापस ले लें।
बसपा के टिकट पर चुनाव जीत विधानसभा पहुंचने के बाद कांग्रेस में विलय करने वाले छह विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने का अनुरोध करते हुए भाजपा विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अर्जी दी है। इस अर्जी में उन्होंने कहा है कि इन विधायकों ने अपनी पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है। अभी यह याचिका उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।