हरियाणा कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका (Ashok Khemka) का 53वीं बार तबादला कर दिया गया है। हरियाणा सरकार ने 1991 बैच के वरिष्ठ नौकरशाह अशोक खेमका को इस बार अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभागों का प्रधान सचिव बनाया है। मार्च 2019 में ही उन्हें खेल एवं युवा मामले विभाग से हटाकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव का जिम्मा सौंपा गया था। बीते साल नवंबर में उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव पद से हटाकर खेल एवं युवा मामले के विभाग में तैनात किया गया था।
करीब 27 साल के करियर में 53वीं बार तबादले पर अशोक खेमका का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं। कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे। अंतिम ठिकाने जो लगा, ईमानदारी का ईनाम जलालत।”
फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं।
कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019
अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी हैं। अशोक खेमका के बारे में प्रचलित है कि जिस भी विभाग में जाते हैं, वहीं घपले-घोटाले उजागर करते हैं, जिसके चलते अक्सर उन्हें ट्रांसफर का दंश झेलना पड़ता है। वह गुरुग्राम में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन सौदे से जुड़ी जांच के कारण सुर्खियों में रहे हैं। वह भूपिंदर सिंह हुड्डा के शासनकाल में भी कई घोटालों का खुलासा कर चुके हैं।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता से ताल्लुक रखने वाले अशोक खेमका ने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है। आईआईटी खड़गपुर से 1988 में बीटेक करने के बाद उन्होंने कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की।