सेंसेक्स-निफ्टी में रही 1 फीसदी से ज्यादा तेजी (साप्ताहिक समीक्षा)

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मुंबई, 19 जनवरी (आईएएनएस)| बीते सप्ताह सकारात्मक वैश्विक संकेतों और अमेरिका व चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता में जारी प्रगति और देश में खुदरा महंगाई में गिरावट के सकारात्मक आंकड़ों के कारण भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुए। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 376.77 अंकों या 1.05 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 36,386.61 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 112 अंकों या 1.04 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10,906.95 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में गिरावट रही।

मिडकैप सूचकांक 153.64 अंकों या 1.01 फीसदी की गिरावट के साथ 15,023.39 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 95.77 अंकों या 0.66 फीसदी की गिरावट के साथ 14,504.60 पर बंद हुआ।


सोमवार को शेयर बाजारों में गिरावट रही और सेंसेक्स 156.28 अंकों या 0.43 फीसदी की गिरावट के साथ 35,853.56 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 57.35 अंकों या 0.53 फीसदी की गिरावट के साथ 10,737.60 पर बंद हुआ।

मंगलवार को शेयर बाजारों में अच्छी तेजी दर्ज की गई और सेंसेक्स 464.77 अंकों या 1.30 फीसदी की तेजी के साथ 36,318.33 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 149.20 अंकों या 1.39 फीसदी की तेजी के साथ 10,886.80 पर बंद हुआ।

बुधवार को बाजार में उतार-चढ़ाव का रुख रहा और सेंसेक्स 2.96 अंकों या 0.01 फीसदी की तेजी के साथ 36,321.29 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 3.50 अंकों या 0.03 फीसदी की तेजी के साथ 10,890 पर बंद हुआ।


गुरुवार को सेंसेक्स 52.79 अंकों या 0.15 फीसदी की तेजी के साथ 36,374.08 पर और निफ्टी 14.90 अंकों या 0.14 फीसदी की तेजी के साथ 10,905.20 पर बंद हुआ।

शुक्रवार को सेंसेक्स 12.53 अंकों या 0.03 फीसदी की तेजी के साथ 36,386.61 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 1.75 अंकों या 0.02 फीसदी की तेजी के साथ 10,906.95 पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे -रिलायंस (7.75 फीसदी), इंफोसिस (6.92 फीसदी), टीसीएस (3.17 फीसदी), एचसीएल टेक्नॉलजी (2.55 फीसदी) और टाटा मोटर्स (1.55 फीसदी)।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे-सन फार्मा (11.83 फीसदी), भारती एयरटेल (6.92 फीसदी), लार्सन एंड टूब्रो (3.79 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (2.43 फीसदी) और एनटीपीसी (2.17 फीसदी)।

आर्थिक मोर्चे पर, ईंधन की कीमतों में गिरावट से देश की खुदरा महंगाई दर दिसंबर में घटकर 2.19 फीसदी रही, जबकि नवंबर में यह 2.33 फीसदी थी। हालांकि, खाने-पीने के सामान की कीमतों में पिछले महीने की तुलना में तेजी दर्ज की गई है, लेकिन यह नकारात्मक जोन में बनी हुई है।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि साल-दर-साल आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में पिछले महीने तेज गिरावट आई, क्योंकि साल 2017 के दिसंबर में सीपीआई की दर 5.21 फीसदी थी। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) दिसंबर में (-)2.51 फीसदी रही, जबकि इसके पिछले महीने यह (-)2.61 फीसदी पर थी।

ईंधन कीमतों में कमी की वजह से थोक कीमतों पर आधारित देश की सालाना महंगाई दर दिसंबर में घटकर 3.80 फीसदी रही है। यह नवंबर में 4.64 फीसदी थी।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2017 में यह दर 3.58 फीसदी रही थी।

मंत्रालय ने दिसंबर के ‘थोक मूल्य सूचकांक’ की समीक्षा में कहा है, “मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित सालाना महंगाई दर दिसंबर 2018 में (2017 के दिसंबर की तुलना में) 3.80 फीसदी (अनंतिम) रही, जबकि नवंबर में यह 4.64 फीसदी थी। वहीं, साल 2017 के दिसंबर में यह दर 3.58 फीसदी थी।”

समीक्षा में कहा गया है, “चालू वित्त वर्ष की अब तक की बिल्डअप मुद्रास्फीति दर 3.27 फीसदी रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बिल्डअप मुद्रास्फीति दर 2.21 फीसदी रही थी।”

चालू वित्तवर्ष 2018-19 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान, भारत का इस्पात निर्यात पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38.5 फीसदी घट गया है, हालांकि उत्पादन और घरेलू खपत में पिछले साल के मुकाबले इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीने में इस्पात का उत्पादन पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4.5 फीसदी की वृद्धि के साथ 973.58 लाख टन हो गया।

इस्पात मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर के दौरान देश में इस्पात की खपत पिछले साल के मुकाबले 8.4 फीसदी की वृद्धि के साथ 718.62 लाख टन रही।

देश से तैयार इस्पात का निर्यात चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीने में 46.75 लाख टन रहा, जो पिछले साल 2017-18 की समान अवधि के निर्यात के परिमाण 59.08 लाख टन से 38.5 फीसदी कम है। इस्पात का आयात भी पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस साल 3.1 फीसदी घट गया है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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