आज शनि जयंती है। इस दिन को शनि देव के जन्मदिन के तौर पर जाता है, जो इस बार 3 जून को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ के महीने का बहुत महत्व होता है और इसी माह की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है।
हिंदू धर्म में सभी ग्रहों का बहुत महत्व होता है। सभी ग्रहों के अपने कार्य और हैं, लेकिन शनि को ज्यादा मत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार शनि देव न्याय के देवता हैं, जिनकी अगर श्रद्धा से पूजा अर्चना की जाए तो सभी परेशानियां दूर होती हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सूर्य देव और छाया के पुत्र शनि देव का जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हुआ था। इसलिए ही हर वर्ष इस दिन को ‘शनि जयंती’ के रूप में मनाया जाता है।
वैसे तो भगवान की पूजा- अर्चना के लिए पूरा साल ही शुभ होता है। लेकिन हिंदू मान्यता के अनुसार, शनि जयंती के अवसर पर शनि देव की पूजा करने से शनि देव की अपने भक्तों पर अपार कृपा होती है। यह दिन शनि देव की शुभता पाने के लिए सर्वोत्तम होता है। पुराणों के अनुसार, एक तरफ जहां शनि देव की कृपा होने पर सभी दुःख दूर होते हैं। वहीँ, अगर वह गुस्सा हो जाएँ तो राजा भी रंक बन जाता है। इसलिए ही उनकी पूजा करते समय कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। भक्तों के लिए जानना जरूरी है कि भगवान शनि की कृपा पाने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
कैसे करें शनि देव को खुश?
शनि जयंती के अवसर पर शनि देव को खुश करने के लिए भक्तों को नीचे दिए गए उपाय करने चाहिए।
- आज शनि देव का दर्शन कर उनकी मूर्ति पर तेल चढ़ाएं। ऐसा करते हुए शनि देव का जाप भी करें।
- शनि देव को खुश करने के लिए पूजा के बाद गरीबों को दान करना चाहिए।
- इस शनि जयंती पर पूजा का शुभ समय 3 जून की सुबह 11.51 बजे दोपहर 12.47 तक है इसी दौरान पूजा कर शनि देव को प्रसन्न करें।
किन बातों से हो सकते हैं शनि देव क्रोधित?
शनि जयंती के अवसर पर शनि देव क्रोधित न हो, इसके लिए भक्तों को नीचे दिए गए काम नहीं करने चाहिए।
- शनि जयंती के दिन पूजा में उपयोग आने वाले पौधों तुलसी, दुर्वा, बेल पत्र, पीपल के पत्ते आदि नहीं तोड़ना चाहिए।
- आज के दिन न बाल और नाखून न काटें। ऐसा करने से आर्थिक विकास में रुकावटें आ सकती है।
- शनि देव की जयंती के दिन शारीरिक संबंध बनाने से बचें। इसके अलावा झूठ बोलने और अन्य बुरे कामों से दूर रहे।
- शनि जयंती के दिन कांच की वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। साथ ही लोहा, तिल, तेल आदि भी नहीं खरीदना चाहिए
- इस दिन अशुद्ध रूप से श्लोक पढ़ने से शनि देव क्रोधित हो सकते हैं।