Shashi Kapoor birthday Special: शशि कपूर ने बनाई थी अपनी रोमांटिक हीरो के रूप में पहचान, जानें उनेक बारें में ये खास बातें

  • Follow Newsd Hindi On  
Shashi kapoor b'day Special: शशि कपूर ने बनाई थी अपनी रोमांटिक हीरो के रूप में पहचान, जानें उनेक बारें में ये खास बातें

बॉलीवुड की दुनिया में ऐसे कई अभिनेता रहे हैं जिन्होंने अपनी पहचान एक रोमांटिक हीरो के तौर पर बनाई है। इनमें देव आनंद से लेकर राज कपूर और आज के दौर के शाहरूख खान भी शामिल है। ऐसे ही बॉलीवुड के एक मश्हूर अभिनेता शशि कपूर थेजिन्होंने अपने करियर की शुरुआत रोमांटिक अभिनय से की थी। शशि कपूर ने लगभग तीन दशक तक अपने इस रोमांटिक अंदाज  से फिल्मों के शौकीन लोगों का मनोरंजन किया था। 

18 मार्च 1938 को जन्मे शशि कपूर का आज जन्मदिन है। इस खास मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ खास किस्से बताएंगे और साथ ही उनके फिल्मी करियर के बारे में भी बताएंगे।


शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था और उनका रूझान बचपन से ही फिल्मों की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे। हालांकि उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और भाई राजकपूर और शम्मी कपूर फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता थे। उनके पिता यदि चाहते तो वह उन्हें लेकर फिल्म का निर्माण कर सकते थे लेकिन उनका मानना था कि शशि कपूर संघर्ष करें और अपनी मेहनत से अभिनेता बनें।

जेनिफर केडिल से हुयी शादी

शशि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रूप में की। चालीस के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया। पचास के दशक में उन्होंने जेनिफर केडिल से हुयी और उनसे प्यार हो गया। बाद में शशि कूपर ने जेनिफर से शादी कर ली।

शशि कपूर की पहली फिल्म ‘धर्म’

शशि कपूर ने अभिनेता के रूप में सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1961 में यश चोपड़ा की फिल्म ‘धर्म पुत्र’ से की। इसके बाद उन्हे विमल राय की फिल्म ‘प्रेम पत्र’ में भी काम करने का अवसर मिला लेकिन दुर्भाग्य से दोनों ही फिल्में टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी।


वर्ष 1965 में शशि कपूर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म फिल्म ‘वक्त’ प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म में उनके सामने बलराज साहनी, राजकुमार और सुनील दत्त जैसे नामी सितारे थे। इसके बावजूद वह अपने अभिनय से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे।

1991 में ‘अजूबा’ फिल्म का निर्देशन

वर्ष 1991 में अपने मित्र अमिताभ बच्चन को लेकर उन्होंने अपनी महात्वाकांक्षी फिल्म ‘अजूबा’ का निर्माण और निर्देशन किया  लेकिन ये फिल्म कामयाब ना हो सकी।

दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित

नब्बे के दशक में स्वास्थ्य खराब रहने के कारण शशि कपूर ने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया। वर्ष 1998 में प्रदर्शित फिल्म ‘जिन्ना’ उनके सिने करियर की अंतिम फिल्म है। शशि कपूर ने लगभग 200 फिल्मों में काम किया है। उन्हें पिछले वर्ष फिल्म इंडस्ट्री के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के से नवाजा गया है। तीन दशक तक दर्शकों का मनोरंजन करने वाले शशि कपूर 04 दिसंबर 2017 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)