नई दिल्ली। कश्मीरी सामाजिक कार्यकर्ता शेहला रशीद (Shehla Rashid) के खिलाफ जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में उनके बयान को लेकर शुक्रवार को उनके खिलाफ देशद्रोह (Sedition) का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के स्पेशल सेल ने कहा कि तीन सितंबर को एफआईआर दर्ज किया गया और शेहला की गिरफ्तारी की मांग करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील आलोक श्रीवास्तव की शिकायत पर एक आपराधिक शिकायत के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया। शेहला जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) से पीएचडी कर रही हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “उनके खिलाफ कश्मीर घाटी में कथित रूप से सैन्य कार्रवाई की गलत सूचना ट्वीट करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए(देशद्रोह), 153-ए(दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504(जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने) और 505(उपद्रव करवाने के लिए बयान देने) के तहत मामला दर्ज कराया गया है। उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई थी।”
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अपने सिलसिलेवार ट्वीट में रशीद ने दावा किया था कि सेना घाटी में अंधाधुंध तरीके से लोगों को उठा रही है, घरों में छापे मार रही है और लोगों को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने दावा किया था कि घाटी में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एजेंडे को पूरा करने के लिए मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है।
इन आरोपों पर लोगों ने काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। रशीद ने हालांकि कहा था कि जब भारतीय सेना जांच गठित करेगी तो वह सबूत देने के लिए तैयार हैं।
भारतीय सेना ने रशीद के दावों को खारिज कर दिया था और इसे ‘बेबुनियाद’ और ‘असत्यापित’ बताया था।
सेना की ओर से उनके दावों को खारिज करने के बाद, कई लोगों ने रशीद पर कश्मीर में शांति भंग करने के लिए फर्जी खबर फैलाने का आरोप लगाया।