शिकंजे में जी, सेबी ने म्यूचुअल फंडों के सीईओ को समन भेजा

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 नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)| आखिरकार जी पर शिकंजा कसता दिख रहा है, क्योंकि दो ऋणदाताओं द्वारा शुक्रवार को वसूली की कार्रवाई शुरू करने के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की सदस्य माधवी पुरी बुच ने आखिरकार बिरला म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड व रिलायंस म्यूचुअल फंड और रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क्‍स के सीईओ को इस मसले पर सोमवार पूछताछ के लिए समन भेजा है।

  ऐसा लगता हे कि यह सेबी द्वारा दंडात्मक कार्रवाई का मामला है।


जी के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने 27 जनवरी को कहा कि ऋणदाताओं के साथ एक सहमति बनी। अगली सुबह उनके बेटे ने कहा कि 96-97 फीसदी ऋणदाताओं ने मंजूरी प्रदान की है, जिसके बाद स्टॉक की कीमत 310 रुपये से बढ़कर 380 रुपये हो गई। शुक्रवार को यह स्पष्ट हो गया कि किसी करार पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। इसके बाद दो ऋणदाताओं ने वसूली की कार्रवाई करते हुए शेयरों की बिक्री की जिससे साबित होता है कि 27 और 28 जनवरी को दिए गए बयान स्पष्ट रूप से गुमराह करने वाली थी।

ऋणदाताओं के साथ कथित समाधान के दावों के संबंध में सार्वजनिक रूप से की गई घोषणा की सत्यता की जांच को लेकर स्टॉक एक्सचेंजों ने पूरे सप्ताह कोई प्रयास नहीं किया।

सिक्योरिटी कवर में गिरावट के बावजूद रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क्‍स ने सिक्योरिटीज को डाउनग्रेड नहीं किया और ऋणदाताओं के साथ कथित समाधान के दावों के संबंध में सार्वजनिक रूप से की गई घोषणा की सत्यता की जांच की दिशा में कोई कोशिश नहीं की और आखिरकार शुक्रवार को भी सिर्फ कथित समाधान की बात कही, जबकि उसके पास लेनदार से पूरा ब्योरा मांगने का अधिकार है।


म्यूचुअल फंडों ने अपने उधारी को लेकर अपने निवेशकों से अनुबंध के भंग होने का खुलासा नहीं किया और अपने निदेशक मंडल/न्यासियों की मंजूरी के बगैर निजी समाधान के लिए बातचीत के जरिए मसले को ठीक करने की कोशिश की। म्यूचुअल फंडों ने किसी करार पर हस्ताक्षर नहीं होने की पूरी जानकारी के बावजूद प्रमोटरों द्वारा समाधान के सावर्जनिक रूप से झूठे दावों को खारिज नहीं किया।

म्यूचुअल फंडों द्वारा उनके निवेशकों को चूक के बारे में सूचित किए बिना निजी बातचीत/समाधान की कोशिश करने के लिए सेबी ने उन पर लगाम नहीं कसी।

सेबी ने सप्ताह भर निष्क्रिय रहने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों से सवाल नहीं किया।

सेबी ने कपट व गलतबयानी के लिए प्रमोटरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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