शीला दीक्षित को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि (लीड-1)

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 नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)| वयोवृद्ध कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का यहां एक निजी अस्पताल में हृदयरोग के कारण निधन हो गया। वह 81 वर्ष की थीं।

  वह लगातार तीन बार (1998-2013) दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के अनुसार, उन्हें कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी सासें थम गईं। शनिवार की सुबह उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था।


अस्पताल की ओर से कहा गया, “उनकी स्थिति अस्थायी रूप से स्थिर हो गई। उन्हें एक और दौरा पड़ा, जिससे उनकी हृदयगति रुक गई और तमाम प्रयासों के बावजूद शाम 3:55 बजे उनका निधन हो गया।”

शीला दीक्षित को दिल्ली में सड़कों और फ्लाईओवरों के साथ बढ़ते बुनियादी ढांचे के लिए श्रेय दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें बेहतर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली जिसमें दिल्ली मेट्रो भी शामिल है, साथ ही स्वास्थ्य और शैक्षणिक क्षेत्र के विकास के लिए भी सराहा जाता है। दीक्षित 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं।

इस साल जनवरी से वह कांग्रेस की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा, मगर इस बार चमत्कारी परिणाम आने पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।


दिल्ली के विकास में उनके योगदान के लिए विभिन्न राजनेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में राष्ट्रीय राजधानी का कायापलट कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान का श्रेय भी दिया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षित का शहर के विकास में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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