महाराष्ट्र का मौजूदा राजनीतिक हालात देश का सबसे हॉट टॉपिक बना हुआ है। सबकी निगाहें वहां के बदलते राजनीतिक तस्वीर पर टिकी हुई है। महाराष्ट्र में भाजपा से अलग सरकार बनाने के ऐलान के साथ ही शिवसेना ने खुद को NDA से भी अलग कर लिया है। पार्टी की इस घोषणा के साथ ही मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से सोमवार को इस्तीफा दे दिया।
वहीं शिवसेना के इस फैसले पर अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान आया है। उनसे राजधानी पटना में जब इस पूरे घटनाक्रम पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो जाने भाई इसमें हमको क्या मतलब है? गौरतलब है कि बिहार में सरकार चला रही भाजपा-जदयू गठबंधन के बीच भी संबंध बहुत सही नहीं चल रहे हैं। कई मौकों पर दोनो दलों के बीच जारी खटपट बाहर आ चुकी है। यहा तक मोदी सरकार-2 के मंत्रिमंडल में भी जदयू शामिल नहीं है। ऐसे में कई राजनीतिक जानकार बिहार और महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में कई समानताएं देख रहे हैं।
महाराष्ट्र की स्थिति शाम तक होगी स्पष्ट
उधर, महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं बनाएगी यह अब साफ हो गया है। ऐसे में अब सभी की निगाहें शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी की तरफ हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम सरकार बनाने को लेकर कोई भी फैसला कांग्रेस से बात किए बगैर नहीं करने जा रहे हैं। उधर, कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर CWC की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी शिवसेना को समर्थन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला लेगी।
भाजपा-शिवसेना की 30 साल पुरानी दोस्ती टूटी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। भाजपा और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था। लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था। शिवसेना का कहना है कि भाजपा के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन भाजपा का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ। इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई।