श्मशान को जातिगत आधार पर बांटने के मामले में जांच के आदेश

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बुलंदशहर, 21 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक श्मशान घाट में एक कंटीली तार लगाकर इसे ऊंची और नीची जातियों में बांट दिया गया। हालांकि, प्रशासन ने बाद में तार को हटा दिया।

यह ममाला बुलंदशहर के बनैल गांव का है जहां श्मशान भूमि का विभाजन दलितों की सहमति से किया गया और यहां तक कि उन्होंने बाड़ लगाने में आए खर्चे में भी योदगान दिया।


शिकारपुर के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट वेद प्रिया आर्य, जिनके अधिकार क्षेत्र में गांव आता है, ने कहा, पता चलने के बाद हमने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

खंड विकास अधिकारी, घनश्याम वर्मा ने भी कहा कि मामले में कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा, जिसने भी किया है उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे।


दो दिन पहले आखिरकार तार को हटा दिया गया।

वर्षों से, गांव के दलित, जो लगभग 20 प्रतिशत आबादी वाले हैं, को श्मशान घाट का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी, जो विशेष रूप से उच्च जातियों के लिए था।

2018 में, सरकार ने इसके चारों ओर एक कंक्रीट संरचना का निर्माण किया।

एक स्थानीय सूत्र ने कहा, इसका इस्तेमाल दलितों द्वारा भी किया जाने लगा, लेकिन ऊंची जाति इससे खुश नहीं थे और पिछले साल दिसंबर में दलितों को तारबंदी कर श्मशान भूमि का विभाजन कराने के लिए मना लिया।

अभी तक कोई एफआईआर या कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।

–आईएएनएस

वीएवी-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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