शोएब इकबाल होंगे दिल्ली विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर, सोमवार से शुरू होगा सत्र

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शोएब इकबाल होंगे दिल्ली विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर, सोमवार से शुरू होगा सत्र

दिल्ली की सातवीं विधानसभा में मटिया महल के विधायक शोएब इकबाल प्रोटेम स्पीकर होंगे। आम आदमी पार्टी के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शोएब के लिए नियुक्ति पत्र जारी कर दिया है। परंपरा के अनुसार विधानसभा में सबसे सीनियर विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद गठित नई विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र तीन दिनों तक चलेगा। सत्र के दौरान नवनिर्वाचित विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। 26 फरवरी तक चलने वाले इस सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे।

ऐसा कहा जा रहा था कि आम आदमी पार्टी नेतृत्व चांदनी चौक विधानसभा से पांचवी बार विधायक चुने गए प्रहलाद सिंह साहनी पर सहमति जता चुका है। लेकिन अंतिम वक्त में वरिष्ठता के चलते शोएब इकबाल प्रोटेम स्पीकर बनाए गए। माना जा रहा है कि मुस्लिम वोटरों का आभार जताने के लिए आम आदमी पार्टी ने शोएब को प्रोटेम स्पीकर बनाया है। नियमों के अनुसार कोई भी प्रोटेम स्पीकर खुद को स्पीकर बनाने के लिए अपना नाम प्रस्तावित नहीं कर सकता। अब देखना यह होगा कि विधानसभा का अध्यक्ष कौन होगा। इस बात की संभावना है कि खत्म हुई विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल फिर से स्पीकर बना दिए जाएं।


प्रह्लाद सिंह साहनी हो सकते हैं दिल्ली विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर, 24 फरवरी से शुरू होगा सत्र

जानकारी के मुताबिक, 25 फरवरी को उपराज्यपाल का भाषण होगा और 26 पर इस भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव आएगा। उपराज्यपाल अपने भाषण में दिल्ली के विकास एवं सरकार की योजनाओं के बारे में अपने विचार रखेंगे। इसमें सरकार के अगले पांच साल की योजनाओं का खाका पेश किया जाएगा। वहीं धन्यवाद प्रस्ताव में विधायक अपने-अपने विचार रखेंगे। इस दौरान आपसी सहमति से विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव होगा।

बता दें कि आम आदमी पार्टी विधायक शोएब इकबाल मटिया महल विधानसभा से छठी बार विधायक चुने गए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस पार्टी छोड़कर आप में शामिल हुए थे। शोएब इकबाल वर्ष 1993 से हो रहे विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक बार वर्ष 2015 को छोड़कर लगातार विधायक चुनते आ रहे हैं। वह पांच बार राजनैतिक दल भी बदल चुके हैं। लेकिन अपने इलाके में वोटरों के बीच मजबूत पकड़ के चलते लगातार जीत हासिल करते रहे हैं।


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