हिंदू धर्म का पवित्र माह सावन (श्रावण) चल रहा है। इस दौरान भग्वान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। इस माह में पड़ने वाले सोमवार के साथ मंगलवार का भी खास महत्व होता है। इस दिन माता मंगला गौरी की पूजा करने से लाभ होता है।
सावन के महीने में सोमवार के व्रत को जहां ‘सावन सोमवार व्रत’ कहा जाता है, वहीं मंगलवार के दिन ‘मंगला गौरी व्रत’ होता है। इस दिन शिव प्रिया माता पार्वती का षोडशोपचार पूजन किया जाता है और माता मंगला गौरी (माता पार्वती) की पूजा कर सुख और सौभाग्य की कामना की जाती है। आज सावन मास का पहला मंगला गौरी व्रत है।
मंगला गौरी व्रत का महत्व
सावन माह में मंगला गौरी व्रत का अपना एक अलग महत्व है इसे श्रद्धापूर्वक करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। परिवार की समस्याएं दूर हो संतान और पति को सुखी जीवन मिलता है। इसे करने से दाम्पत्य जीवन से परेशानियां कम होती हैं।
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सावन 2019: मंगला गौरी व्रत की तिथियां
इस वर्ष चार सावन सोमवार व्रत होने के कारण मंगला गौरी व्रत भी चार ही होंगे। ये हैं इसकी तिथियां-
- पहला मंगलवार: 23 जुलाई
- दूसरा मंगलवार: 30 जुलाई
- तीसरा मंगलवार: 06 अगस्त
- चौथा मंगलवार: 13 अगस्त
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पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत के लिए महिलाओं को सूर्योदय से पहले उठ कर काम सम्पन्न कर स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद माता मंगला गौरी यानी पार्वती जी की तस्वीर को चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। इसके बाद व्रत का संकल्प करें। अब आटे का दीप जला कर माता का षोडशोपचार पूजन करें। षोडशोपचार पूजन के लिए माता पार्वती को सुहाग की सामग्री 16 की संख्या में चढ़ाई जाती है।