मुंबई, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| सपना मोती भवनानी ने कुछ समय पहले ही सिंधी के रूप में अपनी संस्कृति के बारे में बात करना शुरू किया है।
इससे पहले तक सभी सपना को एक लाल बालों और टैटू वाली एक सेलिब्रिटी हेयर स्टाइलिस्ट ही समझते थे, जो ‘बिग बॉस’ के माध्यम से अधिक चर्चित हुईं।
सपना भावनानी डॉक्यूमेंट्री ‘सिंधुस्तान’ के माध्यम से सिंधी समुदाय की भूली हुई कहानी को बयान कर रही हैं।
उनका कहना है कि पाकिस्तान स्थित सिंध प्रांत की अपनी पुश्तैनी जमीन पर जाने का जब तक उन्हें मौका नहीं मिलता, यह कहानी तब तक अधूरी है।
भावनानी की फिल्म को स्टार के साथ जियो मामी 21वें मुंबई फिल्म समारोह में इंडिया स्टोरी की श्रेणी में प्रदर्शित किया गया है।
‘सिंधुस्तान’ 1947 में भारत के बंटवारे के बाद सिंधु समुदाय के पलायन की कहानी है। यह समुदाय और उनकी संस्कृति की कई छोटी-छोटी कहानियों को भी समाहित करता है।
इसमें सिंधी व्यंजन से लेकर सिंधी लोगों का प्रेम, मजेदार और तेज स्वभाव, उनकी संवेदना के साथ-साथ उन बुजुर्ग लोगों की कहानियां को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने देश के विभाजन का अनुभव किया। उन्होंने इस बात को उजागर किया है कि कैसे उन्होंने रातोंरात अपना सबकुछ खो दिया।
भावनानी कहती हैं कि शुरू में लोग मुंबई शहर की सिंधी लड़की होने की उनकी व्यक्तिगत कहानी जानने में रुचि रखते थे।
सपना ने आईएएनएस से कहा, “सिंधी समुदाय भारत में शरणार्थी है। बेशक, एक परिवर्तन हुआ जब मुझे एहसास हुआ कि मैं शरणार्थी माता-पिता की बेटी हूं। जो मेरा मूल निवास है, जहां से मेरे पुरखे आए थे उस सिंध प्रांत में सीमा पार कर मैंने जाने की कई कोशिशें की, लेकिन वहां जाना अभी तक संभव नहीं हो पाया है। मैं आपसे कह देना चाहती हूं, जबतक मैं सीमा पार जाकर सिंध नहीं जाती ‘सिंधुस्तान’ अधूरी है।”
मुंबई के बांद्रा में जन्मी और पली-बढ़ी सपना को अपने पुरखों की कोई जानकारी नहीं थी। वह अपनी सांस्कृतिक जड़ों से काफी अनजान थीं। फिर एक दिन उनकी दादी ने उन्हें बताया कि उनके शरीर पर बने टैटू सिंधी संस्कृति की निशानी हैं।
स्टार के साथ जियो मामी 21वां मुंबई फिल्म महोत्सव 24 अक्टूबर तक जारी है।