सिनेमा के सितारों ने तोड़ी भाषाई सीमा

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सिनेमा के सितारों ने तोड़ी भाषाई सीमा

नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)| गुजर रहा साल फिल्मी सितारों द्वारा मलयालम फिल्मों के दिग्गज ममूट्टी के बेटे दलकेर सलमान ने इस साल फिल्म ‘कारवां’ के साथ हिंदी फिल्म उद्योग में करियर की शुरुआत की। अगर युवा मलयालम अभिनेता के हिंदी पदार्पण के बाद उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ी तो बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार भी पीछे नहीं रहे। फिल्म ‘2.0’ में खलनायक बने अक्षय ने दर्शकों को निराश नहीं किया। यह उनकी पहली तमिल फिल्म थी।

अक्षय की फिल्म ‘2.0’ 29 नवंबर को रिलीज हुई। इसमें रजनीकांत भी प्रमुख भूमिका में हैं। यह फिल्म 600 करोड़ के बजट में बनी थी और फिल्म ने अपने पहले सप्ताहांत में बॉक्स-ऑफिस पर 400 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया था।


दलकेर सलमान की फिल्म बहुत कम बजट में बनी और बावजूद इसके आकाश खुराना के निर्देशन में बनी फिल्म वैश्विक फिल्म वेबसाइट आईएमडीबी ग्राहक रेटिंग द्वारा 2018 की शीर्ष 10 भारतीय फिल्मों में चुनी गई।

दलकेर ने इस साल के मध्य में फिल्म ‘महानती’ के साथ तेलुगू फिल्म उद्योग में भी अपने करियर की शुरुआत की थी। यह दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी के जीवन पर आधारित है।

इस तरह दलकेर सलमान को चार भाषाओं में पदार्पण करने का सम्मान हासिल है। उन्होंने एक साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा था, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं मलयालम फिल्म या किसी अन्य भाषा में एक बड़े पदार्पण का हकदार हूं।”


उन्होंने जोर देकर कहा था कि उनका ‘प्राथमिक ध्यान मलयालम फिल्मों’ पर होगा लेकिन वह किसी भी भाषा की पेशकश का स्वागत करेंगे।

‘ओ कधल कनमणि’ में उनकी सह-कलाकार नित्या मेनन ने भी बॉलीवुड फिल्म ‘मिशन मंगल’ के साथ अपने हिंदी फिल्म करियर की शुरआत की है।

नित्या ने आईएएनएस से कहा, “इससे पहले भी मुझे हिंदी फिल्मों की पेशकश की गई थी। मैं हिंदी के साथ भी वैसे ही फूंक फूंक कर चयन करना चाहती था जैसा दूसरी भाषा में करती हूं। मैं एक अच्छी फिल्म के साथ हिंदी फिल्म में डेब्यू करना चाहती थी।”

एक दशक पहले कन्नड़ फिल्म ‘7 ओ क्लॉक’ के साथ शुरुआत कर चुकीं अभिनेत्री ने कहा, “मुझे यह एक अच्छा किरदार मिला। मुझे नहीं लगता कि हमने इस तरह की फिल्म की है..मतलब, अंतरिक्ष पर आधारित फिल्म।”

आगामी फिल्म ‘मिशन मंगल’ में तापसी पन्नू, सोनाक्षी सिन्हा और विद्या बालन जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

उधर, विद्या बालन अभिनेता-राजनेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन.टी.राम राव की बायोपिक के साथ तेलुगू फिल्म उद्योग में शुरुआत कर रही हैं।

उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, “मैंने कभी हिंदी के अलावा किसी अन्य भाषा में डायलॉग नहीं बोले हैं। इससे पहले, मैंने मलयालम फिल्म में एक-दो दृश्यों में विशेष प्रस्तुति दी थी लेकिन इसमें, मैं पूरी तरह हूं।”

मलयालम, तमिल और कन्नड़ भाषा फिल्मों में काम करने वाले ऐश्वर्या देवन ने हिंदी फिल्म ‘काशी इन सर्च ऑफ गंगा’ में काम किया।

फिल्म में एक पत्रकार की भूमिका में नजर आईं ऐश्वर्या ने कहा, “मैंने दक्षिण फिल्मों में ज्यादा मजबूत भूमिकाएं नहीं निभाईं हैं। इसलिए मुझे बहुत खुशी है कि बॉलीवुड में मेरी पहली भूमिका मजबूत महिला की थी।”

साल 2018 में दिग्गज अभिनेत्री सुप्रिया पाठक ने ‘अरविंद समेथा वीरा राघव’ के साथ तेलुगू फिल्म उद्योग में कदम रखा। यह त्रिविक्रम श्रीनिवास द्वारा निर्देशित है।

सुप्रिया ने कहा, “मुझे लोगों के साथ काम करना अच्छा लगा। इसका अनुभव अद्भुत रहा। फिल्म के निर्देशक अद्भुत व्यक्ति हैं। मुझे आशा है कि फिर से काम करने का मौका मिलेगा।”

वह वर्ष 1985 की मलयालम फिल्म ‘अकलथे अम्बिलि’ में सुप्रिया काम कर चुकी हैं। उनकी मातृभाषा गुजराती है।

सुप्रिया ने कहा, “उन दिनों, दक्षिण भारत में कई हिंदी फिल्में बनाई गई थीं। ये मुंबई या उत्तर भारत की तुलना मे यहं अधिक व्यवस्थित था। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग मुझे हमेशा व्यवस्थित लगा और यह आपको आकर्षित करता है क्योंकि यह अनुशासित है। लोग पेशेवर हैं।”

इसके अलावा, पंकज त्रिपाठी ने रजनीकांत की फिल्म ‘काला’ के साथ तमिल फिल्म जगत में और बॉलीवुड की डांसिग डिवा माधुरी दीक्षित नेने ने ‘बकेट लिस्ट’ के साथ मराठी फिल्म उद्योग में अपनी शुरुआत की।

वर्ष 2004 की तमिल फिल्म ‘कथ्थी’ में नजर आए नील नितिन मुकेश ने इस महीने ‘कवचम’ के साथ तेलुगू फिल्म-उद्योग में शुरुआत की। वह प्रभास अभिनीत ‘साहो’ में भी दिखेंगे। यह श्रद्धा कपूर की पहली तेलुगू फिल्म होगी।

‘साहो’ 2019 की सबसे बहुप्रत्याशित फिल्मों में से है।

मलयालम स्टार निविन पॉली हिंदी फिल्म उद्योग में नजर आने को तैयार हैं।

वह गीता मोहनदास की द्विभाषी फिल्म ‘म्यूथॉन’ में दिखेंगे। यह हिंदी और मलयालम में रिलीज होगी।

निविन पॉली ने आईएएनएस से कहा, “भाषा का मामला हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। मलयाली अभिनेता के लिए तमिल, तेलुगू या हिंदी में फिल्म करना सहज नहीं है। लेकिन, मेरा मानना है कि हमें प्रयास करना चाहिए और सीमाएं तोड़नी चाहिए।”

उन्होंने कहा, “भगवान ने सौभाग्यशाली करियर दिया है। हमें एक स्थान पर बैठकर आराम नहीं करना चाहिए। कुछ नया करने में कोई नुकसान नहीं है।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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