संसद का शीत सत्र : वेंकैया ने सभी दलों से सहयोग मांगा

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)| संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शीतकालीन सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले सोमवार को सत्र के सुचारु संचालन के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सभी सदस्यों का सहयोग मांगा और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में हुए मतदान पर प्रसन्नता व्यक्त की। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले नायडू द्वारा बुलाई गई बैठक में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के सुचारु संचालन में पूरे सहयोग का आश्वासन भी दिया। इस दौरान नायडू ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को शून्यकाल का नोटिस अब आधे घंटे पहले दिया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि शीत सत्र के पहले दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी जाएगी।


इस बैठक में केंद्रीय मंत्री सहित 31 नेता शामिल हुए थे।

राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली और विपक्षी दल के नेता गुलाम नबी आजाद ने नायडू द्वारा बुलाई गई बैठक में सदन के कामकाज को लेकर उन्हें हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया और सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विधायी प्रस्तावों के साथ ही विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समान समय आंवटित करने का अनुरोध भी किया।

बैठक में उपराष्ट्रपति नायडू ने सभी नेताओं से शीतकालीन सत्र को सार्थक बनाने में सहयोग देने की अपील करते हुए कहा, “वे इसमें मदद करने के साथ ही अपने अहम सुझाव भी दे सकते हैं।” उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों को सदन में अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह काम शांतिपूर्वक होना चाहिए, ताकि कार्यवाही में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो।


नायडू ने हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में मतदाताओं के हिस्सा लेने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्वाचन आयोग और संबंधित राज्यों की सरकारों को बधाई देते हुए कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र पर लोगों के विश्वास का एक और प्रमाण है। ईवीएम पर बढ़ते विश्वास पर हालांकि उन्होंने कुछ नहीं कहा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से लोगों की आशाओं के अनुरूप काम करने का अनुरोध किया।

उपराष्ट्रपति ने बताया कि सदस्यों द्वारा सदन में नोटिस लाने के लिए शुरू की गई ऑनलाइन व्यवस्था ‘ई-नोटिस’ को और प्रभावी बनाने के लिए अब नोटिस सुबह 10 बजे की बजाय 9.30 बजे दिया जा सकेगा। इससे उन्हें उपलब्ध समय में ऐसे नोटिसों की प्राथमिकता तय करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “हम भी चाहते हैं कि सत्र में कामकाज हो और सभी विधेयक पारित हो जाएं। लोगों की उम्मीदें तभी पूरी हो पाएंगी, जब हम उनसे जुड़े मुद्दों को सदन में प्रभावी तरीके से उठा सकेंगे।”

संसद का शीतकालीन सत्र पिछले सत्र के पूरे चार महीने बाद हो रहा है। ऐसे में विपक्ष चाहता है कि इसमें सभी महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हो जाए।

उन्होंने कहा, “बैठक में सभी पक्षों में इस बात पर भी सहमति बनी कि बुधवार को होने वाली कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विधेयकों पर चर्चा के लिए सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बराबर समय दिए जाने के मुद्दे पर एक दूसरे का ख्याल रखा जाएगा।”

नायडू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के अलावा भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर व विजय गोयल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, अन्नाद्रमुक के ए.नवनीत कृष्णन, द्रमुक नेता कनिमोझी सहित 31 नेता उपस्थित रहे थे।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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