संविधान की प्रस्तावना तले जामिया में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

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 नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)| जामिया विश्वविद्यालय में शनिवार को संविधान की प्रस्तावना के नीचे बैठकर छात्राओं ने नागरिकता संशोधन कानून पर अपना विरोध दर्ज कराया।

 संविधान की प्रस्तावना की एक झलक यहां आने वाले सभी प्रदर्शनकारियों व अन्य लोगों के लिए मौजूद रही। संविधान की प्रस्तावना वाला एक मेगा बैनर जामिया विश्वविद्यालय के बाहर सड़क के बीचो बीच टांग दिया गया। संविधान की प्रस्तावना वाले इस बैनर में धर्मनिरपेक्षता, न्याय, समानता, एकता व भारतवर्ष की अखंडता को गहरे व बड़े अक्षरों में लिखा गया। जामिया विश्वविद्यालय कैंपस के बाहर संविधान की प्रस्तावना वाला यह मेगा बैनर जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी की ओर से लगाया गया था।


जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य आफताब ने बताया, “संविधान की प्रस्तावना बीच सड़क पर प्रदर्शित करने का मकसद यह दर्शाना था कि भारतवर्ष में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों को एक जैसे अधिकार प्राप्त हैं और संविधान की ²ष्टि से सभी भारतीय नागरिक एक समान हैं।”

संविधान की प्रस्तावना केस मेगा बैनर के ठीक नीचे सामने जामिया वह दिल्ली के अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं ने धरना दिया। यहां बैठीं छात्राएं संविधान का हवाला देकर नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने की मांग कर रही थीं। इन छात्राओं ने ‘सीएए गो बैक’ ‘एनआरसी गो बैक’ के नारे लगाए।

हाथों में तिरंगा लिए इन छात्राओं का कहना था कि यह मुल्क उनका भी उतना ही अपना है, जितना कि देश में रहने वाले किसी भी अन्य आम भारतीय का। शनिवार को जामिया कैंपस के बाहर एक बार फिर बड़ी संख्या में छात्रों के अलावा स्थानीय लोग भी मौजूद हैं।


स्थानीय लोगों में पुरुषों के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं भी इस प्रदर्शन का हिस्सा बनीं। सीएए के मुद्दे पर ऐसी सैकड़ों महिलाएं शनिवार को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर सड़क पर विरोध करती नजर आईं, जो सामान्यत: घर में रहकर अपने परिवार की देखरेख करती हैं।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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