संयुक्त राष्ट्र, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) के मानवाधिकार विशेषज्ञ कश्मीर की स्थिति के लिए चिंतित हैं, लेकिन इसका केवल एक सीमित प्रभाव हो सकता है।
विशेष प्रतिवेदक एग्नेस कॉलमार्ड ने एक प्रेस वार्ता के दौरान शुक्रवार को एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, “विशेष प्रक्रियाओं के साथ कश्मीर की स्थिति हममें से कई लोगों के लिए एक बड़ी चिंता है। लेकिन यह एक ऐसी स्थिति भी है, जहां हमें इस मुद्दे को एजेंडे पर रखने के अलावा पहचानने की जरूरत है। उल्लंघन की निंदा करने के अलावा मुझे यकीन नहीं है कि इस बिंदु पर हमें इससे अधिक प्रभाव डालने के लिए कहा जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि हम बिल्कुल हार मान रहे हैं।
एग्नेस ने कहा कि पिछले महीनों के दौरान मैंने भारतीय अधिकारियों के साथ हत्याओं के बारे में जानकारी के साथ ही संचार व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन से संबंधित बातचीत की है।
कश्मीर के बारे में एक रिपोर्टर के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “मुझे अभी यकीन नहीं है कि इस समय हमारे पास कश्मीर पर प्रभाव डालने के लिए रणनीतिक स्थान है। इसलिए हमें जो करना है वह करना है, मुद्दे को एजेंडे पर रखना है। हम सुनिश्चित तौर पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।”
इस दौरान उन्होंने मध्यस्थता की कोशिश करने की भी बात कही।
एग्नेस ने कहा कि उन्होंने पीड़ितों और उनके अपराधियों के बारे में विशिष्ट जानकारी देते हुए भारत सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन उन्हें सही प्रतिक्रिया नहीं मिली।