सोलर चरखा योजना से प्रत्येक पंचायत में होगा 1100 नए रोजगारों का सृजन,यहां देखें पूरी जानकारी

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सोलर चरखा योजना से प्रत्येक पंचायत में होगा 1100 नए रोजगारों का सृजन,यहां देखें पूरी जानकारी

सरकार ने कई ऐसी योजनाओं का आरंभ किया, जिनका उद्देश्य सीधा आम जनता को लाभ पहुंचा कर उन्हें सशक्त करना है। इन्हीं में से एक योजना है ‘सोलर चरखा योजना’ या’सोलर चरखा मिशन’ (Solar Charkha Mission)। यह योजना प्रधानमंत्री के रोज़गार सृजन मिशन के तहत लागू की गयी। इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) की है। सरकार की इस योजना के तहत हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहन देने और इस उद्योग में नए उद्यमियों के प्रवेश हेतु सोलर चरखा लगाने के लिए उद्यम का मॉडल प्रस्तुत किया गया।

सोलर चरखा योजना का आरंभ केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल 2018 में महाराष्ट्र राज्य के बीड जिले से किया गया। महाराष्ट्र राज्य में ज्यादातर कपड़े की मीलें हैं, जिसके चलते इसे योजना की शुरुआत करने लिए सबसे अच्छी जगह माना गया। सोलर चरखा द्वारा तैयार चादर, तौलिया, तकिया कवर, यूनिफार्म, डस्टर आदि का सप्लाई सरकारी विभाग और रेलवे में किया जाता है।


सोलर चरखा योजना का उद्देश्य

अगर सरकार की इस योजना के उद्देश्यों की बात करें, तो इसका मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक कला से सम्बंधित कुटीर, लघु एवं माध्यम उद्योग को बढ़ावा देना है। साथ ही इसमें ग्रामीण क्षेत्र में कम लागत के प्रोजेक्ट की स्थापना कर महिला उद्यमियों को नए उद्यम लगाने के लिए प्रेरित करने पर भी खास जोर दिया गया है, जिससे महिलाओं के सशक्तिकरण में सहायता मिले।

इस योजना को शुरू करने के पीछे एक सोच यह भी थी कि इसके तहत सोलर चरखा के माध्यम से सूत तैयार करने में कम समय में ज्यादा उत्पादन होगा। साथ ही आय बढ़ाने में वृद्धि मिलेगी। जहां पारम्परिक चरखे से बुनकर मजदूर दिन में 8 घंटे काम करने पर रूपए 160 कमाते हैं। वहीँ सोलर चरखे के द्वारा दिन में रूपए 360 तक कमा पाएंगे। साथ ही इसका उद्देश्य खादी उद्योगों को पुनर्जीवित करना और बुनकर/ शिल्पकार/ सूत कातने वाले मजदूरों के आय में वृद्धि कर उनको रोजगार के अवसर प्रदान करना है।


योजना के लाभ

  • सरकार की सोलर चरखा योजना के माध्यम से लोग सोलर ऊर्जा के उपयोगों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
  • इससे ग्रामीण क्षत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सहायता मिल रही है।
  • यह योजना न केवल रोजगार बढ़ाने में सहायक है बल्कि पर्यावरण के लिए भी उपयोगी है। इससे सौर ऊर्जा का उपयोग होगा तथा उसे काफी हद तक बढ़ावा मिलेगा।
  • सरकार की इस योजना से बुनकरों और सूत कातने वाले मजदूरों की आय में वृद्धि हुई है।
  • इस योजना के माध्यम से देश भर में प्रत्येक पंचायत में 1100 नए रोजगार का सृजन हुआ।
  • सोलर चरखा योजना से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा। साथ ही इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि स्तर और शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक स्तर का विकास होगा।
  • इस योजना के अंतर्गत पूरे देश में लगभग 5 करोड़ लोगों को नौकरियों दी जाएंगी। इसके साथ ही हर पंचायत में लगभग 1100 लोगों को नौकरियां मिलेंगी।

कैसे काम करती है सोलर चरखा योजना?

इस योजना में ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना’ (Prime Minister Employment Generation Programme) के तहत लोन दिया जाता है। इस योजना के तहत सोलर उर्जा इकाई स्थापित करने का कुल खर्चा 24,27694 रुपये होता है, जिसमें से बैंक से लोन के रूप में काफी बड़ी राशि मिल जाती है। इसके अलावा बची हुई राशि पीएमजी के अंतर्गत मिलती है। व्यक्ति को बस 248769 रूपये अपने पास से इन्वेस्ट करने होते हैं। इस योजना में चादर, तकिया कवर, यूनिफॉर्म, डस्ट,र तोलिया आदि की सप्लाई सरकारी विभाग और रेलवे में की जाती है, जिससे वार्षिक आय 80000 से 100000 तक होती है।

कैसे करें आवेदन?

सोलर चरखा योजना के लिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। आवेदन की जानकारी के लिए आप आधिकारिक पोर्टल https://www.udyamsakhi.org/ पर जाकर कर सकते हैं।

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