झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मानव तस्करी के शिकार बच्चे और बच्चियों के लिए बड़ा ऐलान किया। सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ट्रैफिकिंग के शिकार नाबालिगों को हर माह दो हजार रुपए देगी, वहीं बालिगों को रोजगार मुहाए कराया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार तस्करों के चंगुल से छुड़ाए गए लोगों को हुनरमंद बनाने की कवायद भी करेगी। मुख्मयंत्री ने यह घोषणा दिल्ली से रेसक्यू कराकर लाई गई बच्चियों से मुलाकात के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वर्षों से मानव तस्करी की शिकार होकर यातनाएं झेल रही बच्चियों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है।
हम इन बच्चों के सपनों को साकार करके उनका सुनहरा भविष्य बनाने की जिम्मेदारी निभायेंगे। सीएम ने इन सभी 45 बच्चियों से उनकी आपबीती भी सुनी। उन्होंने कहा कि गरीबी किसी की भी उम्र नहीं देखती। गरीब का जीवन जन्म से ही हमेशा संघर्षशील होता है।
इस क्रम में राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले बच्चे व बच्चियां मानव तस्करी का शिकार हो जाते हैं और देश के विभिन्न राज्यों में उन्हें काम पर लगा दिया जाता है जहां उन्हें अपनी इच्छा के विपरीत भी कार्य करना पड़ता है। ऐसे में कई संस्थाओं व अन्य माध्यमों से बच्चियों पर नजर रखी जाती है।
इसलिए सरकार समय-समय पर ऐसी बच्चियों को रेस्क्यू भी करती है। इस मौके पर सांसद विजय हांसदा, विधायक मथुरा महतो, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सचिव पूजा सिंघल, डीके सक्सेना व विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्षों से मानव तस्करी का दंश झारखंड झेलता आ रहा है। मैं रेस्क्यू करा कर झारखंड वापस लायी गई बच्चियों से मिला। यह मेरे लिए वाकई एक भावुक पल था। सभी बच्चियों को हरसंभव मदद पहुंचायी जा रही है। आपका भाई और आपकी सरकार महिला एवं बाल उत्थान के लिए प्रयत्नशील काम में जुटे हैं।