मौजूदा राजनीति पर व्यंग्य से भरपूर पैरोडी गीत ‘चुनाव का महीना’, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

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मौजूदा राजनीति पर व्यंग्य से भरपूर पैरोडी गीत 'चुनाव का महीना', सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

नई दिल्ली। राहुल राम का नया गीत ‘चुनाव का महीना’- 1967 की फिल्म ‘मिलन’ के ‘सावन का महीना’ की पैरोडी है, जो हाल में यूट्यूब पर आया है। राहुल जैसे ही ‘चुनाव का महीना है मच गया शोर, फिर आया है टाइम तो चूज हू विल स्क्रू अस मोर’ गाना शुरू करते हैं तो यह गीत आपको हंसने को मजबूर करता है और आप यह भी सोचते हैं कि भारतीय लोकतंत्र ने आम लोगों को क्या दिया है।

इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ब्राह्मण होने को लेकर गर्व महसूस करने और दूसरे नेताओं के नफरत फैलाने व राजनीतिक संवाद के गिरते स्तर को लेकर भी चेतावनी है।


‘चुनाव का महीना’ गीत में यहां तक कि मायावती व ममता बनर्जी की लोगों की सेवा की इच्छा नहीं, बल्कि सत्ता पाने की महत्वाकांक्षा को लेकर तंज कसा गया है।

फिल्म ‘गली बॉय’ के ‘अपना टाइम आएगा’ की सफलता ने चुनावी मौसम में रेप के लिए टोन सेट कर दिया है।

सत्तारूढ़ भाजपा ने बीते महीने जब सोशल मीडिया पर ‘कांग्रेस से आजादी’ के जरिए हमला किया तो कांग्रेस ने इसी गीत का इस्तेमाल कर अपनी प्रतिक्रिया दी।


राहुल गांधी का ‘आलू डालो, सोना निकलेगा’ मीम व्हाट्सएप पर तेजी से फैल रहा है, जबकि प्रियंका गांधी का टीवी धारावाहिक ‘शक्तिमान’ के किरदार तामराज किलविश से समानता का एक मीम सोशल मीडिया इस्तेमालकर्ताओं को गुदगुदाने का काम कर रहा है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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