सरकार राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं लाएगी : मोदी

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 नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि राम मंदिर पर सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी। राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है, तब तक अध्यादेश लाने का कोई विचार नहीं है।

 नए साल के पहले दिन एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में मोदी ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा, “राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी। कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा। राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है।”


एक वकील को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया इसलिए धीमी है, क्योंकि वहां कांग्रेस के वकील हैं जो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रुकावट पैदा कर रहे हैं।

मोदी ने कहा, “हमने भाजपा के घोषणापत्र में कह रखा है कि राम मंदिर का फैसला संविधान के दायरे में ही होगा। राम मंदिर भाजपा के लिए भावनात्मक मुद्दा है। कांग्रेस को इस मुद्दे पर रोड़े नहीं अटकाने चाहिए और कानूनी प्रक्रिया को अपनी तरह से आगे बढ़ने देना चाहिए. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक जैसी संस्थाओं की तरफ से जल्द राम मंदिर बनवाने की मांग उठी हैं।”

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और महागठबंधन पर भी जोरदार हमला बोला। किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “सिर्फ कर्ज माफ कर देने से किसानों का भला नहीं होगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों को झूठ का लॉलीपाप दे रहे हैं। किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ हर सहयोग करने के लिए तैयार है। कर्जमाफी से किसानों का जीवन नहीं सुधरेगा।”


मोदी ने कहा, “कर्जमाफी एक चुनावी स्टंट है, जो राज्य चाहें कर्जमाफ कर सकते हैं। हमारी सरकार ने 22 फसलों का एमएसपी बढ़ाया है। बीज, पानी आदि की व्यवस्था की जा रही है। फसल अब ज्यादा पैदा हो रही है। फूड प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन पर हम काम कर रहे हैं। ट्रांसपोर्टेशन और वेयरहाउसिंग पर भी काम कर रहे हैं, हम किसान को अन्नदाता के अलावा ऊजार्दाता भी बनाना चाहते हैं।”

पाकिस्तान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक लड़ाई से नहीं सुधरेगा। यह सोचना बहुत बड़ी गलती होगी कि पाकिस्तान एक लड़ाई से सुधर जाएगा। पाकिस्तान को सुधरने में अभी और वक्त लगेगा।

नोटबंदी के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, “नोटबंदी कोई झटका नहीं था। हमने लोगों को सालभर पहले ही चेता दिया था कि अगर आपके पास कालाधन है तो आप इसको जमा कर सकते हैं। जुर्माना अदा कर सकते हैं और आपकी मदद की जाएगी, लेकिन उन्होंने सोचा कि मोदी भी औरों की तरह ही कह रहे हैं।”

उर्जित पटेल के इस्तीफे पर मोदी ने कहा, “मैं पहली बार इस बात का खुलासा कर रहा हूं, उन्होंने मुझे (उर्जित पटेल) इस्तीफा देने से 6-7 महीने पहले ही इस बारे में बता दिया था। उन्होंने यह लिखित में भी दिया था। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से लिख कर ‘व्यक्तिगत कारणों’ का हवाला दिया था। मैं स्वीकार करता हूं कि पटेल ने आरबीआई गवर्नर के रूप में अच्छा काम किया।”

प्रधानमंत्री ने जीएसटी पर क्या कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जब वित्तमंत्री हुआ करते थे, तबसे जीएसटी की चर्चा हो रही थी। जीएसटी संसद में सर्वसहमति से पास हुआ था। जीएसटी के बाद से देश में टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी है।

उन्होंने कहा, “हमारे देश में 30 से 40 फीसदी टैक्स वाली चीजें थीं, लेकिन अब उन पर कोई टैक्स नहीं लगता है। जीएसटी की वजह से समान सस्ते हुए हैं।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताने पर उन्होंने कहा, “मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देता. जिसकी जैसी सोच उसके वैसे शब्द होते हैं।”

पांच राज्यों में भाजपा की हार पर मोदी ने कहा, “सिर्फ हार या जीत मापदंड नहीं होता। पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बनी है। अगर मोदी मैजिक खत्म हुआ है तो मतलब लोग मान रहे हैं कि मोदी मैजिक था। लहर सिर्फ जनता की आस्था और आकांक्षा की होती है। भाजपा मोदी या अमित शाह से नहीं, बल्कि पोलिंग बूथ से बनी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी लोगों का प्यार भाजपा को मिला है।”

मोदी ने कांग्रेस की तरफ से राफेल सौदे में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर कहा है, “मैं इस बात का जवाब पहले भी संसद में दे चुका हूं। राफेल पर मुझ पर व्यक्तिगत आरोप नहीं, सरकार पर आरोप हैं। राफेल डील के मामले को सुप्रीम कोर्ट भी साफ कर चुका है। दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है। मीडिया को राफेल डील पर राहुल गांधी से सबूत मांगना चाहिए। कांग्रेस जो आरोप लगा रही है, उसे साबित करे..उन्हें बार-बार बोलने की बीमारी है, तो मुझे बार-बार बोलने की जरूरत है क्या?”

विजय माल्या और नीरव मोदी पर उन्होंने कहा, “देश के भगोड़ों से पाई-पाई लेकर रहेंगे। जो भागे हैं, उनको वापस देश लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून की मदद ली जा रही है। सरकार ने भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने का कानून बनाया है। उन्हें देश से इसलिए भागना पड़ा, क्योंकि पहले की तरह वो कानून का मखौल उड़ाकर देश में सुरक्षित नहीं रह सकते थे। मैं आश्वस्त करता हूं कि हिंदुस्तान का चुराया हुआ पैसा लाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बारे में कहा कि ये चुनाव जनता बनाम महागठबंधन होगा। राजनीतिक पंडितों की तरफ से लोकसभा चुनाव में भाजपा के 180 से ज्यादा सीटें न पाने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि 2014 के चुनाव में भी इसी तरह के दावे किए जा रहे थे। यह चुनाव उन लोगों के बीच है जो जनमानस की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं और जो इन्हें रोकने में लगे हुए हैं।

गंगा की सफाई के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “गंगा सफाई बहुत बड़ा काम है। गंगा में गंदगी डालने से रोकने का काम मुख्य है। कोशिशों के बाद 120 साल पुराना गंदा नाला गंगा में गिरने से रोका गया है। हम गंगा की सफाई के लिए लगातार और बड़ा काम कर रहे हैं।”

मोदी ने बताई सर्जिकल स्ट्राई की पूरी कहानी भी बताई। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना योजनाबद्ध तरीके से 28-29 सितंबर की आधी रात पाकिस्तान की सीमा में 3 किलोमीटर के अंदर घुसी और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला। सर्जिकल स्ट्राइक एक बड़ा जोखिम था. मुझे सैनिकों की सुरक्षा की चिंता थी। हमने सैनिकों को सूर्योदय से पहले लौटने को कहा था। सैनिकों की सुरक्षा मेरी पहली प्राथमिकता थी। उन्हें कहा गया था कि मिशन सक्सेस हो या नहीं, लेकिन सूर्योदय से पहले वे लौट आएं। जिन जवानों को हमने सीमा के पार भेजा था उनके लौटने तक हमारी सांसें अटकी हुई थीं।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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