सरकारी वकीलों के बकाया भुगतान को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का कड़ा रुख

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नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी वकीलों के लंबित बिलों के भुगतान नहीं होने के मामले में बुधवार को सरकार के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया।

अदालत एक सरकारी वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस वकील की पिछले आठ वर्षो से बिलों का भुगतान नहीं किया गया है।


वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की खंडपीठ ने सरकार से कहा, “अपने अधिकारियों को बताएं कि यदि वकीलों को सुनवाई की अगली तारीख तक भुगतान नहीं किया गया, तो हम उनका वेतन रोकने का आदेश देंगे।”

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील सतीश अग्रवाल ने कहा कि पिछले आठ साल से फीस के बिल लंबित हैं और यह राशि उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि उनके भाई कैंसर से पीड़ित हैं।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई 4 दिसंबर तक टाल दी और कहा, “आप सुधर जाएं .. यदि देय राशि का भुगतान अगली तारीख तक नहीं होता है तो तो हम ऑर्डर पास करेंगे।”


अधिवक्ता कपिल गोयल के माध्यम से वकील पीयूष गुप्ता द्वारा दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रही थी।

गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा कि सरकारी वकील न्यायिक प्रणाली में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन ये दुर्भाग्य की बात है कि अधिकारियों को इसकी चिंता नहीं कि उनके बिलों का भी भुगतान करें।

याचिका में ये भी कहा गया है कि संबंधित विभागों ने 3 सितंबर, 2015 तक अदालत के आदेश के बावजूद बिलों का भुगतान नहीं किया था।

–आईएएनएस

एसकेपी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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