आरबीआई के रेपो रेट में कटौती के बाद SBI ने सस्ता किया लोन, जानें कितनी होगी बचत

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भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में कटौती करने के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर दी। एसबीआई ने कहा है कि उसने रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। स्टेट बैंक ने इसके साथ ही खुदरा और एकमुश्त बड़ी जमा राशि पर भी ब्याज दर में 0.20 से लेकर 1 प्रतिशत तक की कटौती की है। बैंक की नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी।

बैंक ने रेट कट का फायदा ग्राहकों को दिया

एसबीआई ने एक बयान में कहा है कि अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से समर्थन देने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा किए गए असाधरण मौद्रिक नीति उपायों का समर्थन करते हुए बैंक ने ‘बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर (ईबीआर) और रेपो रेट से जुड़ी कर्ज दर (आरएलएलआर) के तहत कर्ज लेने वाले ग्राहकों को रीपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती का पूरा लाभ देने का फैसला किया है।


7.05% किया इंट्रेस्ट रेट

बाहरी मानक दर (एक्सटर्नल बेंचमार्क) से जुड़ी कर्ज दर को 7.80 प्रतिशत से घटाकर 7.05 प्रतिशत वार्षिक कर दिया गया है, जबकि आरएलएलआर को 7.40 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत पर ला दिया गया है। एसबीआई ने यह भी कहा है कि ईबीआर और आरएलएलआर से जुड़े 30 साल के कर्ज पर दर घटने के बाद समान मासिक किस्त (ईएमआई) में प्रत्येक एक लाख रुपये पर 52 रुपये की कमी आएगी। बैंक ने कहा है कि सीमांत लागत आधारित कर्ज दर (एमसीएलआर) में किसी तरह के बदलाव के बारे में बैंक की संपत्ति देनदारी समिति (अल्को) की अगले महीने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

रेट कट के बाद ईएमआई में बचत

लोन अमाउंट पुराना इंट्रेस्ट रेट नया इंट्रेस्ट रेट रेट कट के बाद फायदा
50 लाख रुपये 7.80% 7.05% 2,437 रुपये
75 लाख रुपये 7.80% 7.05% 3,656 रुपये
1 करोड़ रुपये 7.80% 7.05% 4,874 रुपये

(लोन की अवधि 20 साल)

तीन महीने का मोरेटोरियम

बता दें कि रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को घोषित मौद्रिक समीक्षा नीति में रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी। यह पिछले 15 साल में सबसे बड़ी कटौती है। रेपो दर को 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया। वहीं केन्द्रीय बैंक ने कोरोना वायरस को रोकने के लिये 21 दिन के लॉकडाउन (बंद) के चलते लोगों की आय और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुये कर्ज किस्त के भुगतान पर भी तीन माह तक रोक लगाने की बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अनुमति दी है। इस पर एसबीआई ने कहा है कि तीन माह तक कर्ज की किस्त वसूली नहीं होने पर उसका करीब 60,000 करोड़ रुपये का प्राप्ति आगे के लिए टल जाएगी।



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