बिहार में ‘जूनियर इंजीनियर’ बनेंगी सनी लियोन, मेरिट लिस्ट में किया टॉप!

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बिहार में जूनियर इंजीनियर बनेंगी सनी लियोन, मेरिट लिस्ट में किया टॉप!

सनी लियोन बिहार में नौकरी करने आ रही हैं। जूनियर इंजीनियर की। चौंकिए नहीं। सनी लियोन ने बिहार राज्य पब्लिक हेल्थ इंजनीयरिंग डिपार्टमेंट (PHED) की ओर से आयोजित जूनियर इंजीनियर की परीक्षा में टॉप किया है। परीक्षा परिणाम के अनुसार सनी ने 98.5 प्वाइंट स्कोर किया है। एजुकेशन में उन्हें 73.5 प्वाइंट और 25 एक्सपीरिएंस प्वाइंट मिले हैं। परीक्षा में बैठी सनी 13 मई, 1991 को पैदा हुईं और लियोना लियोनी की बेटी हैं। उनकी एप्लिकेशन आईडी JEC/0031211 है।

इतना ही नहीं मेरिट लिस्ट में BVCXZBNNB नाम के अभ्यर्थी ने तीसरा स्थान हासिल किया है और उसके पिता का नाम MGVHHNNNN जैसा कुछ है। इस मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल करने वाले निर्मल चक्रबर्ती हैं जिनके पिता का नाम ओम पुरी है। नेशनल इन्फॉरमेशन सिस्टम यानी एनआइसी द्वारा तैयार इस मेरिट लिस्ट में अजब-गजब नाम देखने को मिले हैं।


बता दें आयोग ने सिविल इंजीनियर के कुल 214 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसकी मेरिट लिस्ट हाल ही में जारी की गई। 214 पदों के लिए कुल 17991 ऑनलाइन आवेदन आये थे। पीएचइडी से मिली जानकारी के अनुसार संविदा पर सिविल जूनियर इंजीनियरों के चयन का आधार आम परीक्षाओं से अलग तय किया गया है। इसमें इंजीनियरों की सहूलियत के लिए उनके एकेडमिक रिजल्ट और अनुभवों के आधार पर ऑनलाइन फॉर्म भरना था। इसमें दर्ज प्रमाणपत्रों के आधार पर अंकों का आकलन कर ऑनलाइन सिस्टम द्वारा ही स्कोर तैयार हो जाता है। इसके बाद मेरिट लिस्ट तैयार की गयी है।

अब इसके बाद पीएचइडी ने इस लिस्ट पर दावा और आपत्ति के लिए 24 फरवरी तक का समय दिया है।  किसी अभ्यर्थी को कोई दावा या आपत्ति दर्ज कराना है तो वह 18 फरवरी से 24 फरवरी के बीच विभागीय वेबसाइट PHED.BIH.NIC.IN के पोर्टल पर जायें। दावा आपत्ति आने के बाद लिस्ट को एक बार फिर से जारी किया जायेगा और अंतिम सूची में दर्ज कैंडिडेट को सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए बुलाकर उन्हें अंतिम तौर पर सेलेक्ट किया जायेगा।


ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया का दुरुपयोग

इस मामले में स्थानीय मीडिया से बात करते हुए पीएचइडी (PHED)  के संयुक्त सचिव अशोक कुमार ने कहा कि गलत नाम से रजिस्ट्रेशन कर आवेदन करना ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की सुविधा का दुरुपयोग है। ऐसे लोग न केवल अपना, बल्कि विभाग का भी समय खराब करते हैं। बेवजह आवेदनों की संख्या भी बढ़ जाती है। हालांकि, ये सभी सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन में नहीं आयेंगे। फर्जी डाटा इंट्री करने वालों पर कार्रवाई पर भी विचार कर सकते हैं।


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