नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दायर 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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देशभर में चल रहे रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की बेंच सुनवाई करेगी। CAA को लेकर कुल याचिकाओं की संख्या 144 हो चुकी है। ज्यादातर याचिकाओं में कानून को असंवैधानिक करार देकर रद्द करने की मांग की गई है।

याचिकाओं में कहा गया है कि CAA संविधान के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ करता है। ये कानून मनमाना और समानता के अधिकार के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। धर्म के आधार पर किसी को नागरिकता देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।


मुख्य याचिकाकर्ता जयराम रमेश, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, जमीयत उलेमा हिंद, असदुद्दीन ओवैसी, असम से कई संगठन हैं, जिसमें ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन,  कमल हसन की पार्टी, डीएमके और महुआ मोइत्रा शामिल हैं। याचिकाओं में कानून पर रोक लगाने की मांग भी की है।

क्या है नागरिकता कानून

संशोधित कानून के अनुसार धार्मिक प्रताड़ना के चलते 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने गुरुवार की रात नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को स्वीकृति प्रदान कर दी थी जिससे यह कानून बन गया था।


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