जामिया के छात्र को अनंतनाग में परिजनों से मिलने की SC ने दी इजाजत, येचुरी को भी मिला श्रीनगर का टिकट

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से जुड़ी कुल 14 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाए जाने के अलावा घाटी में प्रेस की आजादी के साथ-साथ नेताओं के दौरे को लेकर भी याचिका शामिल थी। कश्मीर मसले (Kashmir issue) पर दाखिल इन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जामिया के एक स्टूडेंट (Jamia Student) को अपने घर अनंतनाग (Anantnag) जाने और परिजनों से मिलने की इजाजत दे दी।

दरअसल, जामिया के स्टूडेंट मोहम्मद अलीम सैयद ने अपनी याचिका में कहा था कि वह अनंतनाग में अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहा है। इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने कहा कि अभी क्या हालात है? क्या आप अभी भी अपने परिवार संपर्क नहीं कर पा रहे हैं? क्या आप अनंतनाग जाना चाहते हैं? छात्र के जवाब पर चीफ जस्टिस ने स्टूडेंट को अनंतनाग (Anantnag) जाने की मंजूरी दे दी। साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर स्टूडेंट को इस यात्रा के दौरान सुरक्षा की जरूरत है तो उसे भी मुहैया कराया जाए।


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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वामपंथी नेता सीताराम येचुरी को जम्मू-कश्मीर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने की अनुमति दी। सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने पहले जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था। सीताराम येचुरी ने सीपीआईएम विधायक एमवाई तारिगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया।

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इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम आपको (Sitaram Yechury) आपके दोस्त से मिलने की इजाजत देंगे, लेकिन इस दौरान आप कुछ और काम नहीं कर पाएंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार उन्हें क्यों रोक रही है? वह देश के नागरिक हैं अगर अपने दोस्त से मिलना चाहते हैं, तो मिल सकते हैं।

याद रहे कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 (Article 370) को समाप्त कर दिया था। अनुच्छेद 370 को खत्म करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस भेजा है। साथ ही, अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 हटाए जाने की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करेगा। अनुच्छेद 370 के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई अक्टूबर के पहले हफ्ते में होगी।



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