नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)| सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दूरसंचार कंपनियों को बकाया राशि का भुगतान करने संबंधी आदेश पर अफसोस जताया है। शीर्ष अदालत ने दूरसंचार कंपनियों को 92 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश जारी किया है। भारती एयरटेल के साथ ही वोडाफोन आइडिया भी समस्त मोबाइल उद्योग का नेतृत्व करने वाली सीओएआई के सदस्य हैं।
इस 92 हजार करोड़ रुपये की देय राशि में जुर्माना और ब्याज भी शामिल हैं।
सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने आईएएनएस को बताया, “यह उद्योग के लिए एक विनाशकारी झटका है। यह ऑपरेटरों की संकटपूर्ण वित्तीय स्थिति को देखते हुए ताबूत में अंतिम कील ठोंकने जैसा है।”
ऑडिट और एनालिस्ट फर्म ईवाई ने कहा कि नई मांग से नेटवर्क के विस्तार और डिजिटल इंडिया को नुकसान होगा।
ईवाई इंडिया की ओर से प्रशांत सिंघल ने कहा कि 92,000 करोड़ रुपये की मांग से टेलिकॉम ऑपरेटर्स प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रभाव केवल दूरसंचार ऑपरेटरों तक सीमित नहीं होगा, बल्कि बड़े डिजिटल वेल्यू चेन पर भी प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “सेक्टर को वापस मजबूती में लाने के लिए सभी हितधारकों द्वारा तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है।”
इस क्षेत्र में भारी नुकसान हो रहा है और इस पर 7.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
इससे पहले एयरटेल ने कहा कि सरकार को इस फैसले के प्रभाव की समीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि दूरसंचार कंपनियों ने अरबों रुपयों का निवेश किया है और वर्तमान में वह गंभीर वित्तीय दबाव का सामना कर रही हैं।
एयरटेल के एक प्रवक्ता ने कहा, “सरकार को इस फैसले के प्रभाव की समीक्षा करनी चाहिए और पहले से संकट में घिरे उद्योग पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए उपयुक्त तरीके खोजने चाहिए।”
एयरटेल के एक बयान में भी कहा गया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं।
समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के दायरे में शीर्ष अदालत द्वारा सुनाए गए महत्वपूर्ण फैसले में एक पीठ ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को बकाया राशि का भुगतान करना होगा।